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जनसंदेश रथयात्रा लेकर आजमगढ़ पहुंचे शिवपाल सिंह यादव, बीजेपी पर कसे तंज - azamgarh ki khabar

जनसंदेश रथ यात्रा लेकर आजमगढ़ पहुंचे प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला किया. वहीं भतीजे अखिलेश पर उनका रुख नरम दिखा.

बीजेपी पर शिवपाल ने कसे तंज
बीजेपी पर शिवपाल ने कसे तंज

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Published : Nov 14, 2021, 5:49 PM IST

आजमगढ़ः पीएसपीएल सुप्रीमो शिवपाल यादव ने बीजेपी पर तंज कसा है. वो जनसंदेश यात्रा लेकर आजमगढ़ पहुंचे थे. उन्होंने एसपी से जल्द ही गठबंधन की ओर इशारा किया. वहीं गृहमंत्री अमित शाह द्वारा विश्वविद्यालय का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर रखने पर इसे चुनावी स्टंट करार दिया है. वहीं सीएम के जिले का नाम बदलने की घोषणा पर कहा कि आजमगढ़ का नाम बदलने वालों को जनता बदल देगी.

गौरतलब है कि शनिवार की देर शाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव जनसंदेश रथ यात्रा के साथ आजमगढ़ पहुंचे थे. कार्यकर्ताओं ने आजमगढ़ की सीमा में प्रवेश करते ही जोरदार स्वागत किया. शहर के रेलवे स्टेशन स्थित हर्षवर्धन अग्रवाल के आवास रात्रि विश्राम के बाद रविवार की सुबह अंबेडकर नगर के लिए रवाना हुए. इसके पूर्व मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा विश्वविद्यालय का नाम सुहेलदेव के नाम पर रखना चुनावी स्टंट है. सरकार उनके समाज के रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी को मिटाने के लिए काम नहीं कर रही है. अब चुनावी साल है तो नाम रखने और बदलने का खेल खेल रही है.

बीजेपी पर शिवपाल ने कसे तंज

सीएम योगी के आजमगढ़ को आर्यमगढ़ बताने पर कहा कि जिले का नाम बदलने की जरूरत नहीं है. यहां जरूरत है विकास की. आजमगढ़ का नाम काफी प्राचीन है. आजमगढ़ का नाम बदलने की कोशिश करने वालों को जनता बदल देगी. इस दौरान उन्होंने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाया और कहा कि कोविड काल में सरकार बेहतर इंतजाम नहीं कर पाई. कोविड की पहली वेब में 15 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए. दूसरी वेब का सरकार को पता था. सरकार के पास एक साल का समय था. लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. स्वास्थ्य व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है.

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उन्होंने कहा कि कोविड के बाद अब डेंगू एक नई बीमारी का प्रकोप है. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कोई काम नहीं हो रहा है. बल्कि जाति धर्म की राजनीति की जा रही है. सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है. अगर निजीकरण इतना ही जरूरी था तो कम से कम उसमें आरक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए थी. सरकार पूरी तरह फेल है. अखिलेश यादव से गठबंधन पर कहा कि चुनाव नजदीक आने पर गठबंधन होते हैं. उसी समय सीटों का भी फैसला होता है, जो फैसला होगा उसकी जानकारी सभी को हो जाएगी.

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