आजमगढ़: जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवरांचल में घाघरा की बाढ़ से त्राहि-त्राहि मची हुई है. यहां किसानों की फसलें बाढ़ में बर्बाद हो चुकी हैं. बाढ़ से परेशान कई लोग अपने घरों से पलायन कर चुके हैं. बावजूद इसके प्रशासन इन सबके प्रति लापरवाह बना हुआ है. प्रशासनिक लापरवाही का आलम यह कि बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री में बांटने के लिए आए आलू-प्याज के पैकेट सड़ने के बाद नदी में फेंकें जा रहे हैं. इनमें से सैकड़ों पैकेट आलू-प्याज बंधे के किनारे पड़े दिखे तो कई नदी की धारा में तैरते नजर आए. वहीं, इस बारे में सवाल करने पर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह पैकेट सरकारी राहत सामग्री के नहीं बल्कि दुकानदारों के हैं.
मुख्य बातें:-
- आजमगढ़ में घाघरा नदी में आई बाढ़ से 180 से ज्यादा गांवों के लोग परेशान हैं.
- राहत सामग्री में बांटने के लिए आए आलू-प्याज के पैकेट नदी किनारे पड़े मिले.
घाघरा नदी की बाढ़ से है बुरा हाल
आजमगढ़ के देवरांचल से गुजरने वाली घाघरा नदी पिछले दो माह से कहर बरपा रही है. यहां कई घर और स्कूल की बाउंड्री नदी की धारा में विलीन हो चुके हैं. जिले के देवारा क्षेत्र के 180 गांवों के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. प्रशासन की लापरवाही से 2 अगस्त को बदरूहा नाले के पास बना रिंग बांध टूट गया था. जिससे लोगों को भारी क्षति हुई. इसके बावजूद भी प्रशासन नहीं चेता और प्रशासनिक लापरवाही के चलते एक सप्ताह पूर्व गांगेपुर के पास भी रिंग बांध टूट गया.