आजमगढ़: जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सठियांव ब्लॉक के सोनपार स्थित प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर तीन वर्षों में बहुत बदल गई है. इस बदलाव का श्रेय यहां के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह को जाता है.
प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य से बातीचत. इसे भी पढ़ें:- आजमगढ़: बाटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग, केजरीवाल का आवास घेरेगी उलेमा काउंसिल
स्कूल में आज 293 बच्चे हैं रजिस्टर्ड
सोनपार स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अप्रैल 2016 में जब इस प्राथमिक विद्यालय में मेरी तैनाती हुई थी तो उस समय यहां पर 95 बच्चे रजिस्टर्ड थे, जिसमें से 30 बच्चे विद्यालय आते थे. विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए हमने गांव-गांव जाकर अभिभावकों से मिलकर उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का वादा किया.
जिसका परिणाम यह हुआ कि तीन वर्षों में यहां पर 293 बच्चे पंजीकृत हुए, जिसमें से 255 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. शिक्षा के लिये यहां पर तैनात शिक्षकों की संख्या काफी कम थी, जिसके बाद अपने वेतन से चार पार्ट टाइम शिक्षिकाओं को नियुक्त किया, जो इन बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा दे सकें.
इसी प्राथमिक विद्यालय में एक आंगनबाड़ी केंद्र भी चलता है और इस आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तरफ से न तो ड्रेस और न ही बैग दिया जाता है. बच्चों के अंदर हीन भावना न आए इसलिए यहां पर पढ़ने वाले 70 बच्चों को अपने पैसे से स्कूल ड्रेस और बैग भी वितरित किया. वहीं अभिभावक लालसा गिरी का कहना है कि विगत चार वर्षों में ऐसे शिक्षक यहां आए कि आसपास चलने वाले चार नर्सरी स्कूल बंद हो गये.