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लोकसभा उपचुनाव : सपा और बीजेपी ने आजमगढ़ को पिकनिक स्पॉट बना रखा है- राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल

आजमगढ़ जिले में लोकसभा उपचुनाव होने हैं. सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ में अब सपा की राह मुश्किल होती नजर आ रही है, रिपोर्ट पढ़िए...

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Published : Jun 20, 2022, 9:26 PM IST

बसपा को मिला राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल का साथ
बसपा को मिला राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल का साथ

आजमगढ़ :लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल (आरयूसी) ने बसपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया है. सोमवार को आरयूसी और बसपा के नेता एक ही मंच पर नजर आए. दोनो दलों के नेताओं ने एक ही मंच पर खड़े होकर एक-दूसरे का साथ देने का ऐलान किया. आरयूसी का बसपा को समर्थन के देने के बाद जिले का सियासी तापमान बढ़ हो गया है.

सोमवार को आजमगढ़ में आरयूसी और बसपा नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बसपा प्रत्याशी शाह आलम ने कहा कि सपा का गढ़ जमींदोज हो गया है. अब सपा की ठेकेदारी नहीं चलेगी. राष्ट्रीय ओलेमा कौंसिल के प्रवक्ता तलहा आमिर रशादी ने कहा कि आजमगढ़ अल्लामा शिब्ली नोमानी, राहुल सांस्कृत्यायन के साथ वीरों की धरती रही है. लेकिन पिछले दो लोकसभा के चुनाव में देखा जा रहा है कि सपा और भाजपा यहां की लीडरशीप को ठुकराकर बाहरी प्रत्याशी भेज रहे हैं.

बसपा को मिला राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल का साथ

तलहा आमिर रशादी ने कहा कि बीजेपी और सपा बाहरी प्रत्याशी भेजकर यहां से चुनाव जीत जाते हैं. उसके बाद आजमगढ़ में राज करते हैं. उन्होंने कहा कि सपा और बीजेपी ने आजमगढ़ को पिकनिक स्पॉट बना दिया है. सपा और बीजेपी यहां तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं.

राष्ट्रीय ओलेमा कौंसिल के प्रवक्ता तलहा आमिर रशादी ने कहा कि ओलमा कौंसिंल ने ये फैसला किया कि यहां बाहरी नहीं बल्कि जनपद के प्रत्याशी को समर्थन दिया जाय. उन्होने कहा कि जब हमारे जनपद वासी कोरोना जैसी महामारी में ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे, तो हम लोगों ने मेहनत की. महामारी के समय बसपा प्रत्याशी शाह आलम हमेशा सामाजिक कार्यो में लगे रह हैं. इन्होंने 600 नए ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर यहां के लोगों की सेवा की थी, लेकिन हमारे हुक्मरान गायब थे.

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