आजमगढ़ः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assemblye Electioon 2022) दिलचस्प होता दिख रहा है. सपा, बसपा, भाजपा के बाद अब यूनाईटेड डेमोक्रेटिक एलायंस (यूडीए) भी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने का मन बना लिया है. यूडीए की पहली रैली शनिवार को खरेवां में आयोजित हुई. इस रैली में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब, उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी, नागरिक एकता पार्टी के अध्यक्ष मो. शमीम सहित कई बड़े मुस्लिम नेता मंच पर एक साथ नजर आए. इस दौरान दावा किया गया कि 80 दलों का यह गठबंधन यूपी की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगा तथा यूपीए और एनडीए का विकल्प बनेगा.
मौलाना आमिर रशादी, अध्यक्ष-उलेमा कौसिंल. रैली के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उलेमा कौसिंल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा सरकार के कुशासन से तंग आ चुकी है और बदलाव चाहती है लेकिन विपक्ष का बिखराव और अदूरदर्शिता इसमें बाधक बन रहा है. मौजूदा सरकार को अपनी हार साफ नजर आ रही है, इसीलिए अब हताशा में इनके लोग अनाप-शनाप बयान देने लगे हैं. मुसलमानों के सियासी हालात पर उन्होने कहा कि आज प्रदेश की राजनीति में तमाम दलों ने मुसलमानों को ‘राजनीतिक अछूत‘ बना दिया है. उनके मुद्दे और समस्याओं को हल करना तो दूर की बात है अब कोई राजनीतिक दल मुसलमानों का नाम तक लेने को तैयार नहीं है.
मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि पिछले 5 सालों में जहां एक तरफ मौजूदा सरकार ने अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए अपने पक्षपातपूर्ण रवैये से निर्दाेष मुसलमानों का उत्पीड़न किया, उनकी जाने गयीं, सम्पत्तियां गयीं, रोज़गार व्यापार गया. वहीं मुसलमानों के मसीहा बनने वाले तथाकथित सेकुलर दल सपा, बसपा, कांग्रेस ने इस पूरे दौर में साथ देना तो छोड़िये अपनी जबान पर ताले लगाए रखा.
रशादी ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश का मुसलमान अपने साथ अन्य वंचित व शोषित समाज को जोड़ कर अपनी राजनीतिक एकता का परिचय दें और अपनी लीडरशिप व भागीदारी की बात करे तथा इसका एहसास करांए. उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन यूडीए इसी पर काम कर रहा है.
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पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब ने कहा कि प्रदेश की सियासत में एक नए दौर की शुरूआत हो रही है. प्रदेश की राजनीति में ज़मीनी सतह पर सक्रिय तमाम वंचित व शोषित समाज के नेतृत्व वाले दलों को साथ लाया जाएगा ताकि वोटों का बिखराव रोका जा सके और जनविरोधी व फांसीवादी शक्तियों को सत्ता से बाहर करने के साथ ही अपनी राजनैतिक उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके.
उन्होने कहा कि सभी दल वंचितो, शोषितों और मुसलमानों का मत लेकर सत्ता तो प्राप्त करना चाहते हैं मगर उन्हें उनके अधिकार व हिस्सेदारी नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनके गठबंधन का लक्ष्य ही मुसलमानों को राजनीतिक गुलामी से निजात दिलाना है.
नागरिक एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. शमीम ने कहा कि उनके गठबंधन का उद्देश्य धर्म व जातिवाद आदि भेदभाव से ऊपर उठकर सभी को साथ लेकर चलना है लेकिन जो वर्ग आज तक संवैधानिक अधिकारों और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है उन्हें न्याय और अधिकार दिलाना हमारी प्राथमिकता है। समाज के हर वर्ग का सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक व आर्थिक उत्थान और समाज में परस्पर सहयोग, अमन चैन का माहौल बनाये रखना ही हमारा मकसद है। हम मजबूती से इस ओर अग्रसर हैं.
उलेमा कौंसिल के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि आज प्रदेश में राजनीतिक लाभ के लिए नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. उलेमा कौंसिल इस नफरत को अपने नारे ‘एकता का राज चलेगा-मुस्लिम हिन्दू साथ चलेगा‘ से समाप्त करेगी. हमारी आजकी ‘एकता रैली‘ की कामयाबी इस बात की गवाह है कि प्रदेश की जनता नफरत की राजनीति से तंग आ चुकी है.
इस दौरान गुफरान कासमी, राष्ट्रीय प्रवक्ता तलहा रशादी, कलीम जामई, मो. ओबैदुर्रहमान कासमी, सैयद आफताब, प्रदेश अध्यक्ष यूथ विंग नुरूलहोदा अन्सारी, प्रदेश उपाध्यक्ष शहाबुद्दीन व मुबारक हुसैन, प्रदेश सचिव मतीउद्दीन व जिला प्रभारी शकील अहमद, जिलाध्यक्ष नोमान अहमद व पीस पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. आसिफ आदि मौजूद थे.