आजमगढ़:जनपद में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन प्रशासन के खोदे गए गड्ढे में किया जा रहा है, जिसको लेकर लोगों में बहुत गुस्सा है. प्रतिमाओं का विसर्जन करने आए लोगों का कहना है कि इस गड्ढे में प्रतिमाओं का विसर्जन होना है उसमें न तो पानी की व्यवस्था है और न ही प्रशासन ने कोई और इंतजाम किए.
वहीं धर्मनगरी चित्रकूट में बुधवार को दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान भव्य जुलूस देखने को मिला, जिसमें तरह-तरह के दुर्गा प्रतिमाओं की झांकियों को लोग बड़ी श्रद्धा से विसर्जित करने ले जा रहे थे. दूसरी तरफ बाराबंकी के टिकैतनगर में दुर्गा पूजा कार्यक्रम में बाहर के कलाकारों ने दुर्गा माता का जागरण किया गया. विसर्जन में आज सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली की संख्या के साथ माताजी घाघरा की ओर प्रस्थान कर गई.
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आजमगढ़ से दुर्गा विसर्जन
दुर्गा माता के विसर्जन के लिये आए धीरज गुप्ता का कहना है कि प्रशासन ने जिस तरह से एक छोटा सा गड्ढा खुदवाया है और जिसमें पानी भी बहुत कम है. निश्चित रूप से दुर्गा प्रतिमाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. पहले हम लोग नदी में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन करते थे लेकिन इस बार प्रशासन ने हम लोगों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन करेगा. जो भी प्रशासन के आदेश का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा.
एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हम लोग इस बार नदी में दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं करा रहे हैं और इसके लिए हम लोग गड्ढे खुदवा रहे हैं. पानी की जो समस्या आ रही है उसके लिए हम लोगों ने पंप लगा रखे हैं और अभी तक 17 मूर्तियों का विसर्जन हो चुका है जो मलबा गड्ढे में पड़ा है उसे साफ करवा कर दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा.
-प्रशांत नायक, एसडीएम सदर
चित्रकूट से दुर्गा विसर्जन
आज माता को अंतिम विदाई देने के लिए उनके भक्तों ने बकायदे ढोल नगाड़े, लाउडस्पीकरों के साथ नाचते थिरकते माता को अंतिम विदाई दी. आपको बता दें कि शाम लगभग 5 बजे से ही देवी प्रतिमाओं को विसर्जन करने के लिए मातारानी के जुलूस के काफिले कलेक्टरेट स्थित राणन तालाब के तट पर पहुंचे. जहां चार घाटों से देवी प्रतिमाओं का तालाबो में विसर्जन किया गया.