आजमगढ़: जिले में यूरिनल डिस्चार्ज के लिए जगह-जगह बने लाखों की लागत से शौचालयों पर तालाबंदी की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा देते हुए जांच के आदेश दिए थे.
सरकार को झूठे दावों की खुली पोल. खुले में शौच मुक्त अभियान के बाद खुले में यूरिनल डिस्चार्ज पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके बाद जिला नगर पालिका ने लाखों की लागत से शहर में कई जगह यूरिनल डिस्चार्ज शौचालय बनवाए, लेकिन पिछले 1 साल से इन शौचालयों का ताला ही नहीं खुला. यहां तक कि यह शौचालय गिरने भी लगे.
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वहीं गिरने का यह दृश्य इनके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की गवाही दे रहा हैं. वहीं जब ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया तो नगरपालिका के ईओ ने मौखिक तौर पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
इन शौचालयों के बंद होने से लोगों को खुले में यूरिनल डिस्चार्ज करना पड़ता है. वहीं कई दिन बीत जाने के बाद भी जब इन शौचालयों का ताला नहीं खोला गया और न ही इसमें हुए भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई तो ईटीवी भारत की टीम ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने का आदेश दे दिया.
मामला उनके संज्ञान में ला दिया गया है. अब इसकी एक उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और इसमें जिस प्रकार की कमी या अनियमितता का पता चलेगा उस आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-नागेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी