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आजमगढ़: गाय के गोबर से बनाई पूजन साग्रामी, कबाड़ से तैयार की देवी-देवताओं की प्रतिमा

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में घरों से निकलने वाले कबाड़ से लक्ष्मी, गणेश, शिव आदि देवताओं की मूर्ती को तैयार किया गया. इसके अलावा घर के कूड़े, गाय के गोबर, लोहबान, नीम की पत्ती आदि से दिया और धूप बनाया गया है. यह रोजगार का माध्यम बनने के साथ ही मिट्टी की कमी के कारण विलुप्त हो रही पाटरी का विकल्प भी बनेगा.

कबाड़ से बनाई लक्ष्मी, गणेश, शिव आदि देवताओं की प्रतिमा

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Published : Oct 26, 2019, 11:34 AM IST

आजमगढ़:जिले की एक महिला ने गाय के गोबर और कबाड़ से दीपक और प्रतिमा तैयार कर इसे रोजगार का माध्यम बनाने की पहल कर दी है. गाय के गोबर से तैयार ये उत्पाद न केवल प्रदूषण की समस्या का समाधान करेंगे, बल्कि कूड़ा निस्तारण की समस्या भी दूर हो जाएगी.

कबाड़ से बनाई लक्ष्मी, गणेश, शिव आदि देवताओं की प्रतिमा.
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कबाड़ से बनाई लक्ष्मी, गणेश, शिव आदि देवताओं की प्रतिमा
गाय के गोबर और कबाड़ से दीपक और प्रतिमा तैयार करने पर शहर के सिधारी की रहने वाली महिलाओं का संगठन का यह प्रयास चर्चा का विषय बना है. वहीं दीपावली पर उनके उत्पाद की मांग भी खूब है. महिलाओं के संगठन ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर घरों से निकलने वाले कबाड़ से लक्ष्मी, गणेश, शिव आदि देवताओं की मूर्ती को तैयार कराया है. इसके अलावा घर के कूड़े, गाय के गोबर, लोहबान, नीम की पत्ती आदि से दिया व धूप बनाया है.

बरसों तक रहेंगे सुरक्षित गाय के गोबर से बने दिये
महिलाओं का दावा है कि मिट्टी के दिये को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती होती है. उनके टूटने का खतरा हमेशा बना रहता है, लेकिन गाय के गोबर से बने दिये बरसों तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं. उनके द्वारा तैयार धूप से पूजा तो होगी ही साथ ही इसके औषधीय गुण के कारण घर के मच्छर भी भाग जाएंगे.

गाय के गोबर से तैयार की जाएगी मच्छर अगरबत्ती
आगे चलकर उन्होंने मच्छर अगरबत्ती भी इसी गाय के गोबर से तैयार करने का फैसला किया. महिलाओं का कहना है कि पाटरी के उत्पाद तैयार करने के लिए मिट्टी अनिवार्य है. मिट्टी खनन की एक लिमिट है. उसके बाद बर्तन बनाने योग्य मिट्टी नहीं मिल पाती है, जिससे कुम्हारों का कारोबार चैपट हो रहा है, लेकिन कबाड़ हर घर से प्रतिदिन निकलता है. हर दूसरे घर में पशु हैं, जिनका गोबर आसानी से मिल सकता है. अगर हम उनका उपयोग दैनिक उपयोग की समाग्रियों के निर्माण में करते हैं तो कूड़ा निस्तारण की समस्या का समाधान होगा. घर का वातावरण शुद्ध होगा और साथ ही रोजगार मिलेगा. महिलाओं को जोड़ने का फैसला किया है. महिलाएं इस तरह के उत्पाद तैयार कर अपनी आमदनी बढ़ा सकती है. इससे किसानों की भी समस्या का समाधान होगा.

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