आजमगढ़: जनपद के सगड़ी तहसील के जोकहरा स्थित टेकनपुरा में रिंग बांध बीते 6 दिन पहले टूट गया था. 6 दिन बाद भी इस बांध को बांधने में जिला प्रशासन ने सफलता नहीं पाई है. प्रशासनिक लापरवाही के कारण बांध के किनारे रहने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. रिंग बांध टूटने से 60 से अधिक गांव बुरी तरह से बाढ़ से घिर गए हैं, जिससे यहां रहने वाले लोगों को जीवन यापन में समस्या हो रही है.
ईटीवी भारत से बोले बाढ़ पीड़ित: हमारे खाने के साथ पशुओं को भी नहीं मिल रहा चारा
यूपी के आजमगढ़ में रिंग बांध टूटने के कारण 60 गांवों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं. इस कारण यहां पर रहने वाले लोगों को खाने-पीने के साथ-साथ जानवरों के लिए चारे की भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत ने मौके पर जाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों की जमीनी हकीकत जानी. बाढ़ प्रभावित लोगों से ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात कर उनके हालात जाने. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली कलावती का कहना है कि 6 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक बंधे को बांधा नहीं जा सका है. हम लोगों के घर और सारे राशन डूब गए हैं. अपने जानवरों को लेकर हम बंधे के किनारे गुजर बसर कर रहे हैं. बारिश-धूप सब कुछ सह रहे हैं. 2 दिन पूर्व प्रशासन की तरफ से थोड़ा सा राशन जरूर मिला था, लेकिन जानवरों के चारे के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई.
वहीं लाली ने बताया कि घर के अंदर पानी घुस गया है. पशुओं को लेकर हम लोग सड़क पर आ गए हैं. घर में जो राशन रखा था वह डूब चुका है. घर में भी कुछ खाने को नहीं है. 2 दिन पूर्व प्रशासन की तरफ से राशन पैकेट दिया गया था, लेकिन चारे की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की गई, जिससे हम लोगों को काफी समस्या हो रही है. वहीं सरिता देवी का कहना था कि गाय-भैंस को खिलाने का चारा नहीं है और प्रशासन की तरफ से कोई मदद भी नहीं मिली. बहुत से लोगों ने अपने जानवरों को अपने रिश्तेदारों के घर भी भेज दिया है. वहीं इस बारे में सुरेश का कहना है कि घर डूब गया है, जानवरों के खाने का चारा भी नहीं है. बहुत से लोगों ने बाढ़ के कारण अपने जानवरों को अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है.
बता दें कि विगत 6 दिन पूर्व आजमगढ़ जनपद के टेकनपुर के पास रिंग बांध टूट गया था. 6 दिन के बाद भी अभी तक प्रशासन ने इस बांध को बांधने में सफलता नहीं पाई है. इस बांध के टूट जाने से आसपास के 60 गांव पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.