आजमगढ़: जिले के मंदुरी स्थित हवाई पट्टी के विस्तारीकरण को लेकर सरकार की तरफ से चल रहे किसानों की जमीन के अधिग्रहण के प्रस्ताव के विरोध में किसान नेता राकेश टिकैत बुधवार को जमुआ गांव किसान पंचायत में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर किसान अपनी जमीन नहीं बेचना चाहते हैं, तो कोई उनकी जमीन जबरदस्ती नहीं ले पाएगा. इसके लिए ग्रामीणों को एकजुटता दिखानी होगी. सरकारी एक एक कर कमजोर कड़ी को तोड़ने का प्रयास करेगी, लेकिन अगर सभी लामबंद रहेंगे तो सरकार कुछ नहीं कर पाएगी. यह आंदोलन तभी खड़ा हो पाएगा, जब लोग अपनी जमीन का अधिग्रहण नहीं कराएंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में टाटा फैक्ट्री और राजस्थान के जालौर में अदाणी के रिफाइनरी प्लांट का दाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि विरोध के चलते लौटना पड़ा. राकेश टिकैत ने कहा कि आजमगढ़ में मंदुरी में जो वर्तमान हवाई पट्टी है उसी से काम चलाना चाहिए. जबरदस्ती विस्तारीकरण के नाम पर किसानों की हरी-भरी खेती वाली जमीनों को नहीं लेना चाहिए, किसान कहां जाएंगे.
राकेश टिकैत ने कहा कि ग्रामीणों को मुआवजे के लालच के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. क्योंकि, अगर ऐसा होगा तो फिर आंदोलन नहीं खड़ा हो पाएगा. खुद के बारे में राकेश टिकैत ने कहा कि वह आंदोलन में तभी साथ देंगे, जब कोई किसान एक भी जमीन ना बेचे. इसके बाद देखते हैं की सरकार कैसे जमीन लेती है. उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को भी आवाहन किया कि उन्हें किसानों के साथ लगातार खड़ा रहना चाहिए. बता दें कि एक दिन पहले ही इस किसान पंचायत में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर व पूनम पंडित भी आई थी. उन्होंने भी अधिग्रहण के प्रस्ताव के खिलाफ मोर्चा खोला था.