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रामपुर और आजमगढ़ में अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर, चौंकाने वाले हो सकते हैं नतीजे

रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव की मतगणना 26 जून यानी रविवार को है. इसके मद्देनजर दोनों जिलों में सुरक्षा के खास पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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यह बोले अफसर.

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Published : Jun 25, 2022, 4:19 PM IST

Updated : Jun 26, 2022, 6:57 AM IST

आजमगढ़/रामपुरःआजमगढ़ और रामपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव की मतगणना 26 जून यानी आज होगी. इसके लिए दोनों ही जिलों में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. आजमगढ़ में एफसीआई गोदाम, बेलइसा में सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी. यहां 384 मतगणना कर्मी लगेंगे.

एक मतगणना टीम में सुपरवाइजर, सहायक, माइक्रो आब्जर्वर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होगा. मतगणना स्थल पर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित होगा. पहले चरण में 14 टेबलों पर एक साथ मतगणना होगी. मतगणना केंद्र से 100 मीटर दूर वाहन खड़े होंगे. जिला निर्वाचन अधिकारी विशाल भारद्वाज ने बताया कि मतों की गिनती से पूर्व कंट्रोल यूनिट की सभी सीलों की जांच की जाएगी. मतगणना मेज पर दलों के अभिकर्ताओं को सील को जांचने का अवसर दिया जाएगा. पिंक पेपर और ग्रीन पेपर सील की जांच भी की जाएगी.

ईवीएम पर वोटों के प्रदर्शित होने पर प्रत्याशीवार वोटों को लिखा जाएगा. वहीं, आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि मतदान केंद्र के बाहर कड़ी सुरक्षा रहेगी. ड्रोन से निगरानी की जाएगी. उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है. जहां 3 लेयर में सुरक्षा की व्यवस्था की गई है.

वहीं, रामपुर में भी काउंटिंग की पूरी व्यवस्था हो गई है. सुबह 8 बजे से ही मतगणना शुरू हो जाएगी. यहां पर भी चप्पे-चप्पे पर कड़ी चौकसी रहेगी. यहां स्वार, चमरोआ, बिलासपुर, रामपुर और मिलक विधानसभा में पड़े मतों की गिनती कई चरणों में की जाएगी.

दोनों ही सीटों पर इस बार कम वोटिंग हुई
23 जून को रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुए थे. रामपुर में 41.01% और आजमगढ़ में 49.48% मतदान हुआ था. अगर बीते लोकसभा चुनाव की तुलना की जाए तो दोनों ही जिले इस बार काफी पीछे रह गए थे. रामपुर में 2019 के लोकसभा चुनाव में 63.45% वोटिंग हुई थी. वहीं, आजमगढ़ में 2019 में 57.40% फीसदी वोटिंग हुई थी.

आजम और अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर
रामपुर में आजम खान के विश्वस्त आसिम रजा सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं वहीं, उनका मुकाबला आजम खान के कभी बेहद करीबी रहे भाजपा के घनश्याम लोधी से है. ऐसे में रामपुर में इस बार आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, आजमगढ़ में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव न लड़ने के कारण सपा ने धर्मेंद्र यादव और भाजपा ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को मैदान में उतारा था. वहीं, बसपा की ओर से गुड्डू जमाली चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा 10 अन्य प्रत्याशी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बीते विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की 10 सीटों पर सपा का कब्जा हुआ था. जिसके चलते एक बार भी अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

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Last Updated : Jun 26, 2022, 6:57 AM IST

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