आजमगढ़: पूरी दुनिया में कोरोना का संक्रमण फैलता जा रहा है. इसका असर त्योहारों पर भी पड़ रहा है. यही कारण है कि इस बार के बकरीद के त्योहार पर पूरी तरह से कोरोना का साया मंडरा रहा है. बकरे की मंडियों में न तो ग्राहकों की भीड़ है और न ही बकरा बेचने आने वाले लोगों को कीमत मिल रही है. इसी कारण कुर्बानी के बकरे बेचने वाले लोगों को काफी निराश होना पड़ रहा है.
आजमगढ़: बकरीद के त्योहार पर छाया कोरोना का साया, नहीं मिल रहे बकरों के खरीददार - कोरोना वायरस
यूपी के आजमगढ़ में बकरीद के त्योहार पर पूरी तरह से कोरोना का साया मंडरा रहा है. बकरे की मंडियों में न तो ग्राहकों की भीड़ है और न ही बकरा बेचने आने वाले लोगों को पहले जैसी कीमत मिल रही है.
कर्बला के मैदान में लगने वाली मंडी में अपना बकरा बेचने आने वाले हफीज अहमद का कहना है कि विगत 15 वर्षों से इतनी मंदी अभी तक कभी नहीं देखी गई. हफीज अहमद ने बताया कि बकरे की कीमत न मिलने से बकरे का खर्च भी नहीं निकल रहा है. निश्चित रूप से इस बार आधे से भी कम की बिक्री हो रही है, जिसके कारण हम लोगों को काफी निराश होना पड़ रहा है. हफीज ने बताया कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस बार आधे से ज्यादा की गिरावट है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
बकरे की मंडी का साल भर इंतजार करने वाले जुल्फिकार अहमद का कहना है कि विगत 10 वर्षों में इतनी मंदी कभी बकरे की मंडियों में नहीं देखी गई. जुल्फिकार ने बताया कि यह कुर्बानी के बकरे होते हैं. इनकी कोई कीमत नहीं होती है. इन बकरों की मुंह मांगी कीमत मिलती है. इस बार बकरों के कीमतों में काफी गिरावट आई है. बाजार में खरीददार भी काफी कम हुए हैं. प्रति बकरे हम लोगों को 4 हजार रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. निश्चित रूप से इस नुकसान का खामियाजा हम लोगों के परिवार वालों को भी भुगतना पड़ेगा.