आजमगढ़:जनपद में चंद्रमा ऋषि आश्रम की महत्ता सतयुग से है. इस स्थान पर चंद्रमा ऋषि ने क्षय रोग से पीड़ित होकर तपस्या की थी. मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए थे और उन्होंने चंद्रमा ऋषि को आशीर्वाद दिया था. यही कारण है कि बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु चंद्रमा ऋषि भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं.
भगवान भोलेनाथ हुए थे प्रकट
चंद्रमा ऋषि के महान बमबम गिरी महाराज का कहना है कि सतयुग से तपस्या कर रहे हैं. चंद्रमा ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए थे और उन्हें आशीर्वाद दिया था. सतयुग से इस पवित्र स्थान की धार्मिक महत्ता है. इसी कारण दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग भगवान भोलेनाथ और चंद्रमा ऋषि के दर्शन करने के लिए इस पवित्र स्थल पर आते हैं.