आजमगढ़: आजमगढ़ जिले में पांच दिन पूर्व तरवा थाना क्षेत्र में ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गुरुवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने आजमगढ़ पहुंचा है. वहीं प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व मंत्री आर. के. चौधरी सहित बड़ी संख्या में नेताओं को जिला प्रशासन ने सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया है.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आजमगढ़ जिला प्रशासन ने किया नजरबंद
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पिछले पांच दिन पूर्व एक ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सोमवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा था, जिसे आजमगढ़ जिला प्रशासन ने शर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया.
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया का कहना है कि वे लोग पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए निकल रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने सर्किट हाउस के दरवाजे पर ताला लगा दिया. ऐसा कोई आदेश नहीं है, यह पूरी तरह से असंवैधानिक है. पुनिया ने कहा नजरबंदी खेद जनक है. इस पूरे मसले को पार्लियामेंट में उठाया जाएगा. यह हमारे विशेषाधिकार का हनन है. उन्होंने कहा प्रदेश सरकार की इस तानाशाही को नहीं चलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम लोग पीड़ित परिवार को संवेदना व्यक्त करने जा रहे थे. हम लोग कोई कानून का उल्लंघन नहीं कर रहे. हम कोई आतंकी, दंगाई व अपराधी नहीं हैं. जिस तरह से उन्हें और उनके लोगों को नजरबंद किया गया, यह तानाशाही है.
पुनिया ने कहा पूरे प्रदेश में अपराध की घटनाओं की बाढ़ आ गई है. अपराधियों को भाजपा नेताओं का संरक्षण मिलता है, इसलिए इन अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
बताते चलें कि जिले के थाना तरवा थाना क्षेत्र में विगत पांच दिन पूर्व दलित ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर थाने के इंस्पेक्टर चौकी इंचार्ज को निलंबित करने के साथ-साथ सीओ का स्थानांतरण कर दिया गया है. इसके अलावा पीड़ित परिजनों को सरकार की तरफ से 5 लाख का मुआवजा भी दिया जा चुका है. इसी मृतक दलित ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते के परिजनों से मिलने कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल उनके घर जाना चाह रहा था, जिसे प्रशासन ने रोक दिया.