आजमगढ़:जिले में संगीत का एक ऐसा घराना है, जो लगभग 600 वर्ष से भी अधिक पुराना है. इस गांव में जन्म लेने वाले बच्चों के मुंह से सबसे पहले 'स' शब्द निकलता है. यही कारण है कि आज भी इस गांव में संगीत की धारा बह रही है. आइए जानते हैं, इस संगीतमयी गांव के बारे में है.
'स' शब्द अर्थात संगीत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हरिहरपुर घराने के आयुष मिश्रा का कहना है कि इस गांव में जन्म लेने वाले बच्चों के मुंह से सबसे पहले 'स' शब्द अर्थात संगीत निकलता है. यही कारण है कि आज भी इस गांव में संगीत की धारा बह रही है.
इसे भी पढ़ें:-बाढ़ की चपेट में आजमगढ़ का हथिया गांव, नाव है एक मात्र सहारा
घराने से छन्नूलाल महाराज जी के ताल्लुक
यह हरिहरपुर घराना संगीत के क्षेत्र में काफी समृद्ध रहा है. बनारस में रहने वाले छन्नूलाल महाराज जी इसी घराने से ताल्लुक रखते थे. इस गांव में सुबह शाम होने वाली संगीत की साधना को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.