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आजमगढ़ का संगीतमयी घराना, 600 साल से भी अधिक पुराना

यूपी के आजमगढ़ में संगीत का एक ऐसा घराना है, जो लगभग 600 साल से भी अधिक पुराना है. इस गांव में जन्म लेने वाले बच्चों के मुंह से सबसे पहले 'स' शब्द अर्थात संगीत निकलता है.

600 साल पुराना संगीतमयी घराना.

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Published : Oct 6, 2019, 10:28 PM IST

आजमगढ़:जिले में संगीत का एक ऐसा घराना है, जो लगभग 600 वर्ष से भी अधिक पुराना है. इस गांव में जन्म लेने वाले बच्चों के मुंह से सबसे पहले 'स' शब्द निकलता है. यही कारण है कि आज भी इस गांव में संगीत की धारा बह रही है. आइए जानते हैं, इस संगीतमयी गांव के बारे में है.

'स' शब्द अर्थात संगीत
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हरिहरपुर घराने के आयुष मिश्रा का कहना है कि इस गांव में जन्म लेने वाले बच्चों के मुंह से सबसे पहले 'स' शब्द अर्थात संगीत निकलता है. यही कारण है कि आज भी इस गांव में संगीत की धारा बह रही है.

600 साल पुराना संगीतमयी घराना.
खिलौनों से नहीं वाद्य यंत्र से खेलते हैं बच्चे
आयुष ने बताया कि सुबह शाम इस गांव के बच्चे आज भी संगीत की साधना करते हैं और संगीत के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं. इस गांव के छोटे बच्चे आज भी खिलौनों से नहीं वाद्य यंत्रों से खेलते हैं.
संगीत में ही करियर बनाना चाहते हैं गांव के बच्चे
600 वर्षों से वर्तमान तक लगातार यह घराना संगीत के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाता चला आ रहा है. गांव के सभी बच्चे संगीत के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं.

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घराने से छन्नूलाल महाराज जी के ताल्लुक
यह हरिहरपुर घराना संगीत के क्षेत्र में काफी समृद्ध रहा है. बनारस में रहने वाले छन्नूलाल महाराज जी इसी घराने से ताल्लुक रखते थे. इस गांव में सुबह शाम होने वाली संगीत की साधना को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

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