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अयोध्या: महिला की इलाज के अभाव में मौत, कोरोना जांच के नाम पर भटकाते रहे डॉक्टर

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में एक महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई. डॉक्टर कोरोना जांच के नाम पर महिला को भटकाते रहे. परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की.

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Published : Aug 16, 2020, 12:34 AM IST

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अयोध्या में इलाज के अभाव में महिला की मौत.

अयोध्या: जिला अस्पताल में शनिवार को इलाज न मिलने से एक महिला की मौत हो गई. महिला के परिजनों ने जिला अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ ने मरीज के साथ भेदभाव किया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर जिम्मेदार चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग की है.

परिजनों ने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पर लगाया आरोप.

क्या है पूरा मामला
कोतवाली नगर क्षेत्र में हल्की खांसी की शिकायत पर परिजन आसमा को निजी चिकित्सालय लेकर पहुंचे. यहां के चिकित्सकों ने महिला को राजर्षि दशरथ राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 केयर हॉस्पिटल स्थापित किया गया है. निजी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने महिला की कोरोना वायरस की जांच की सलाह दी थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज में महिला की कोरोना जांच करवाने के बजाय उसे जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया.

जिला चिकित्सालय में आसमा को सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया. परिजनों का आरोप है कि उचित चिकित्सा सुविधा के अभाव में भर्ती करने के डेढ़ घंटे बाद ही महिला की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद परिजनों ने मेडिकल स्टाफ पर इलाज में भेदभाव बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की.

आसमा के परिजन मोहम्मद आरिफ ने बताया कि कोरोना की जांच के लिए पहले उन्हें इधर-उधर भटकाया गया. निजी चिकित्सालय से राजर्षि दशरथ राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया. वहां से चिकित्सकों ने इलाज के लिए जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया. बाद में जब जिला चिकित्सालय के सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया तो मरीज को इंजेक्शन लगाया गया और दवा दी गई. आरिफ ने आरोप लगाया है कि यह दवा बिना डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के दी गई. चिकित्सक मरीज का इलाज करने से कतराते रहे और अस्पताल में भर्ती कराने के बाद महज डेढ घंटे में मरीज की मौत हो गई.

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