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अयोध्या: राम की पैड़ी में फिर से शुरू हुई सरयू की अविरल जल धारा, जानिए कैसे

अयोध्या में राम की पैड़ी में सरयू की अविरल धारा का प्रवाह फिर से शुरू हो गया है. इससे राम नगरी के प्रवेश द्वार की भव्यता में और निखार आएगा. राम की पैड़ी का निर्माण साल 1983 से 1988 के बीच कराया गया था.

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राम की पैड़ी में फिर से शुरू हुई सरयू की अविरल जल धारा.

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Published : Jun 12, 2020, 10:49 PM IST

अयोध्या:राम नगरी में एक बार फिर योगी सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. राम की पैड़ी में सरयू जल की अविरल धारा का प्रवाह शुरू हो गया है. सिंचाई विभाग के प्रमुख विनोद कुमार निरंजन की मौजूदगी में सभी 6 पंप स्टार्ट कर दिए गए हैं. राम की पैड़ी पर पंप हाउस स्टार्ट होने से अब राम नगरी के प्रवेश द्वार की भव्यता में और निखार आएगा. हालांकि पैड़ी एक्सटेंशन घाटों का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है.

सिंचाई विभाग के पंपों को किया गया स्टार्ट.
राम की पैड़ी का निर्माण वर्ष 1983 से 1988 के बीच कराया गया था. इससे पहले यहां पर दो स्टेज पंपिंग व्यवस्था पर जल का प्रवाह आधारित था. पहले पंप से सरयू नदी से 40 क्यूसेक पानी राम की पैड़ी के डिलीवरी चैनल में डाला जाता था. इसके बाद राम की पैड़ी के मुख्य चैनल से होते हुए डिस्पोजल चैनल में स्थापित पंप हाउस स्टेज 2 से पानी लिफ्ट करके स्केप चैनल के माध्यम से फिर से सरयू में डाल दिया जाता था. पूरी तरह पंपों पर आधारित होने के कारण मुख्य चरण में जल का अविरल प्रवाह नहीं हो पाता था, जिसके चलते मुख्य चैनल में अत्यधिक सिल्ट, शैवाल और अन्य तरह की गंदगी जम जाती थी. कम समय में अधिक सिल्ट जमने की वजह से बीच-बीच में जल प्रवाह को रोकना पड़ता था.

52 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी का होगा कायाकल्प
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 52 करोड़ की लागत से राम की पैड़ी के विकास की योजना बनाई. राम की पैड़ी में पहले पंप की क्षमता 40 क्यूसेक थी, जिसे बढ़ाकर 240 क्यूसेक कर दिया गया. स्वीकृत परियोजना के अनुसार यह कार्य दीपोत्सव 2019 के पहले संपन्न कर लिया गया. पंप हाउस के पुनर्निर्माण को योजना के अंतर्गत पंप हाउस का निर्माण कराया गया. मुख्य चैनल में ग्रेविटी उत्पन्न करने और आवश्यकतानुसार रिमॉडलिंग हेतु मॉडल स्टडी सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर राम की पैड़ी मुख्य चैनल के पूर्व शिक्षण को परिवर्तित कर रीमॉडलिंग परियोजना स्वीकृत की गई.


एक्सटेंशन घाटों का कार्य अधूरा

उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर 27 अक्टूबर 2019 को हनुमानगढ़ी-गोंडा मार्ग से आगे (डिस्पोजल चैनल) और अयोध्या-गोंडा मार्ग से चौधरी चरण सिंह घाट तक (स्केप चैनल) में कुल 505 मीटर लंबाई में दोनों और रिक्त घाटों का निर्माण प्रस्तावित है. प्रदेश सरकार की यह मंशा थी कि राम की पैड़ी से निकलकर जल वापस जहां तक सरयू में प्रवाहित हो रहा है, वहां तक घाटों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही दोबारा राम की पैड़ी में जल प्रवाहित किया जाएगा, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना और बजट के अभाव में घाटों के निर्माण का कार्य अभी नहीं हो सका है.

सिंचाई विभाग की मानें तो बजट के अभाव में यह कार्य रुका हुआ है. विभाग का कहना है कि परियोजना के मध्य में स्वीकृत धनराशि खर्च हो गई है. सिंचाई विभाग शेष कार्य बजट अवमुक्त होने के बाद कराया जाएगा. फिलहाल पैड़ी पर पंप हाउस को पुनः संचालित कर दिया गया है.

अयोध्या के सौंदर्य में होगी वृद्धि
इस मौके पर पहुंचे श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि राम की पैड़ी में अविरल जल धारा प्रवाहित होने से अयोध्या के सौंदर्य में वृद्धि होगी. इसके आगे के काम को जल्द संपन्न कराने के लिए शासन स्तर पर बात की जाएगी.

एक्सटेंशन घाटों का कार्य होगा पूरा
नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि राम की पैड़ी का प्राथमिकता के आधार पर योगी सरकार ने विकास किया है. अयोध्या के प्रवेश द्वार पर स्थित राम की पैड़ी में अब अविरल जल धारा प्रवाहित होती रहेगी. घाटों के स्टेशन का कार्य अपूर्ण होने पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते इस कार्य में रुकावट आई है. योगी सरकार की यह मंशा थी कि पूरे स्टेशन घाट का निर्माण कार्य होने के बाद ही राम की पैड़ी में जल प्रवाहित किया जाए, लेकिन वैश्विक महामारी के चलते कार्य में रुकावट आ गई.

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नगर विधायक ने कहा कि इस कार्य के लिए महामारी के प्रकोप से पहले खुदाई का काम चल रहा था. अब जैसे ही शासन स्तर से बजट स्वीकृत होगा, आगे का कार्य संपन्न कराया जाएगा. नगर विधायक ने कहा कि इस बीच राम की पैड़ी में अविरल जल का प्रवाह होता रहेगा.

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