उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

राम मंदिर निर्माण के लिए सिंधी समाज ने चांदी की 200 ईंट की दान

अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन से जुड़े कई देशों के सिंधी समाज के लोगों मिलकर चांदी की 200 ईंटें दान कीं. इस दौरान श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चंपत राय ने कहा कि ऐसे लोगों की राम भक्ति से ही आज हमें मंदिर निर्माण करने का सुखद अवसर मिल सका है.

विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन ने दान की चांदी की ईंट.
विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन ने दान की चांदी की ईंट.

By

Published : Jan 27, 2021, 10:47 AM IST

अयोध्या : विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन से जुड़े कई देशों के सिंधी समाज के लोगों ने मंगलवार को रामलला के मंदिर के लिए चांदी की 200 ईंट दान की. प्रत्येक ईंट का वजन एक किलो है. दान से पहले चांदी की ईंटों से भरे बक्से सिर पर रख कर इन लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाये और रामलला का दर्शन किया. वहीं कुछ लोग रामलला की शाम की आरती में भी शामिल हुए. इस दौरान विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन के भारत के अलावा नेपाल समेत कई देशों के सिंधी समाज के प्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद थे. इस दौरान भाजपा के पूर्व विधायक विजय जौली ने कहा कि अयोध्या आने पर 1992 की घटनाएं मस्तिष्क में चलने लगती हैं.

विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन ने दान की चांदी की ईंट.

एक किलो की एक ईंट
विश्व सिंधी सेवा संगठन के प्रमुख राजू मनवानी ने बताया कि हम पूरे सिंधी समाज की तरफ से 200 किलो चांदी से बनी एक-एक किलो की ईंट को श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चंपत राय को रामलला के लिए दान करने आए हैं. भारत के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों के अलावा लगभग 17 देशों के प्रतिनिधि हमारे साथ हैं.

28 साल के बाद आए अयोध्या
वहीं दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जौली ने कहा कि 28 साल के बाद वो फिर अयोध्या आए हैं. 1992 में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ भारतीय जनता पार्टी में युवा मोर्चा का पदाधिकारी के रूप में आए थे. अब एक बार फिर 28 साल के बाद प्रभु ने अपने चरणों में फिर बुला लिया है.

इस दौरान विश्व सिंधी सेवा संगम संगठन से जुड़े कई देशों के लोगों में रामलला के प्रति इस प्रकार की भक्ति देख श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चंपत राय भी भाव विभोर हो उठे. उन्होंने कहा ऐसे लोगों की भक्ति और निष्ठा के कारण ही आज हम रामलला के मंदिर निर्माण का सुखद अवसर मिला है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details