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16.83 लाख मतदाता करेंगे 14184 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला - त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021

उत्तर प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में गुरुवार यानी 15 अप्रैल को पहले चरण के मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. पहले चरण में जिन जनपदों में वोट डाले जाने हैं उनमें अयोध्या प्रमुख है. यहां पर ग्रामीण क्षेत्र के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने क्षेत्र के विकास के लिए जन प्रतिनिधि चुनेंगे. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि आखिरकार इस बार के चुनाव में कुल कितने प्रत्याशी चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

अयोध्या पंचायत चुनाव
अयोध्या पंचायत चुनाव

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Published : Apr 14, 2021, 7:19 PM IST

अयोध्या :पंचायत चुनाव के प्रथम चरण यानी 15 अप्रैल को अयोध्या में चुनाव है. चुनाव को लेकर जिले में सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. जिले की जनता अपने क्षेत्र और गांव के विकास के लिए अपना प्रतिनिधि चुनेगी.

जानिए कुल कितने प्रत्याशी हैं चुनावी रण में

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में अयोध्या जनपद में जिला पंचायत पद के कुल 469 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. प्रधान पद के 5753 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं बीडीसी के 4937 प्रत्याशी मतदाताओं की दहलीज पर दस्तक दे रहे हैं. इस बार के चुनाव में खास बात यह भी है कि 5005 ग्राम पंचायत सदस्य और 22 क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्विरोध चुने जा चुके हैं. शेष अन्य बचे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 15 अप्रैल को क्षेत्र के 16 लाख 83 हजार मतदाता करेंगे.

जर्जर सड़कें

16.83 लाख मतदाता करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 16.83 लाख मतदाता विभिन्न पदों के 14184 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. चुनाव आयोग ने जिले में कुल 890 मतदान केंद्रों पर 2710 बूथ बनाए हैं. यहां पर लगभग 13000 कर्मचारी मतदान की प्रक्रिया को संपन्न कराएंगे. इसके अतिरिक्त निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षक और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मतदान के दौरान सक्रिय रहकर हर स्थिति से निपटने को तैयार रहेंगे.

अयोध्या पंचायत चुनाव

इस बार के चुनाव में अयोध्या में किन मुद्दों की रही चर्चा
आमतौर पर लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम के चुनाव में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दे हावी रहते हैं. लेकिन बदलते सामाजिक परिवेश में अब ग्रामीण क्षेत्र के चुनावों में भी इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रत्याशी जनता के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. गांव में अच्छी सड़क, साफ-सफाई बिजली की आपूर्ति और बच्चों के लिए शिक्षा के अलावा ग्रामीण जीवन को सुरक्षित बनाने के लिए गांव में अच्छे अस्पताल की जरूरत चुनावी मुद्दों में शामिल हैं.


छुट्टा मवेशी प्रदेश सरकार के लिए चुनौती

बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा जैसी आम जरूरतों के अलावा इस बार प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार के लिए गांव की सियासत में मजबूत पकड़ बनाना आसान नहीं होगा. किसानों की फसल को चरने वाले छुट्टा जानवर इस बार विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा हैं. इसे भुनाने के लिए सत्तारूढ़ दल से समर्थित उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी पूरी कोशिश कर रहे हैं. हालांकि उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से बेहतर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से सत्तारूढ़ दल को संजीवनी मिलती दिखाई दे रही है. बाकी तो जनता के मन में क्या है यह चुनावी नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा.

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