अयोध्या: रविवार की सुबह राम नगरी अयोध्या की सीमा पर सरयू पुल के पास दिल्ली से बिहार जा रहे मजदूरों से भरी बस एक खड़े हुए ट्रेलर से टकरा गई. इस भीषण हादसे में बस में सवार 11 मजदूर जख्मी हो गए हैं, जिनमें से आठ मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया ,जहां इलाज के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 6 मजदूर अयोध्या के जिला अस्पताल और सामान्य रूप से घायल तीन मजदूर अयोध्या के श्री राम चिकित्सालय में अपना इलाज करा रहे हैं. सभी मजदूर बिहार के रहने वाले हैं और दिल्ली से वापस बिहार जा रहे थे. हादसा अयोध्या गोंडा सीमा पर सरयू पुल के उत्तरी छोर पर हुआ है.
हादसे में घायल चश्मदीद मजदूर ज्योतिष यादव ने बताया कि बस में करीब 120 लोग सवार थे और अचानक बस का ब्रेक फेल होने जैसी स्थिति हो गई और बस ट्रेलर से टकरा गई, जिसके कारण बस में सवार लोग घायल हो गए, जिस समय घटना हुई उस समय सुबह का माहौल था और ज्यादातर यात्री नींद में थे. अचानक हुए हादसे से सब हैरान रह गए. किसी तरह आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को खबर दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को दुर्घटनाग्रस्त वाहन से किसी तरह बाहर निकाला. जिस समय घटना हुई उस समय बरसात भी हो रही थी, जिसके कारण राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कत सामने आई. घायलों में ज्यादातर युवक हैं. घटना के बाद तत्काल पुलिस ने घायलों के परिजनों को सूचना देने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
इसे भी पढ़ें:मऊ में भीषण सड़क हादसा, पांच की मौत, दो घायल
मजदूरों से भरी बस ट्रेलर से टकराई, दो की मौत 9 घायल
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले दिल्ली से बिहार जा रहे मजदूरों से भरी बस एक ट्रेलर से टकरा गई. इस हादसे में आठ मजदूर घायल हो गए थे, जिनमें से दो की इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं बाकी मजदूरों का इलाज चल रहा है.
घायलों का इलाज कर रहे जिला अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि अस्पताल में इलाज के लिए आए आठ घायलों में से दो की हालत नाजुक थी, जबकि 6 खतरे से बाहर थे. इन्हीं दो घायलों की इलाज के कुछ देर बाद मौत हो गई है, जबकि 6 का इलाज चल रहा है, जिनकी मौत हुई है, उन्हें चोट में अधिक खून बह जाने के कारण बचाया नहीं जा सका.
बाराबंकी में हुए हादसे से कोई सबक दिल्ली और यूपी सरकार ने नहीं लिया है. दिल्ली से लगातार मजदूरों को बसों में भरकर भेजने का काम जारी है. अधिक पैसा कमाने के लालच में जिन बसों में 60 से 65 यात्रियों के बैठने की जगह होती है. उन बसों में सौ से सवा सौ यात्रियों को जबरदस्ती भर दिया जाता है. नतीजा यह होता है कि अक्सर बसें खराब हो जाती हैं या उनके ब्रेक फेल हो जाते हैं. इस घटना में भी चश्मदीद यात्री की मानें तो बस का ब्रेक फेल होने से ही हादसा हुआ है, जिसमें दो यात्रियों की जान चली गई है. बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार बड़े हादसे होने के बाद कार्रवाई के नाम पर शोर शराबा तो बहुत होता है. लेकिन असल में कार्रवाई होती ही नहीं, जिसका नतीजा यह है कि बेगुनाह लोगों की जान से खेलने वाले लोग चंद पैसों के लालच में तमाम जिंदगियों के साथ रोजाना खिलवाड़ करते हैं.