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राम मंदिर कंस्ट्रक्शन साइट के नीचे नहीं रखा जाएगा टाइम कैप्सूल

आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच यह भी दावा किया जा रहा था कि राम मंदिर कंस्ट्रक्शन साइट के नीचे टाइम कैप्सूल रखा जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इन दावों का खंडन किया है.

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श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र

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Published : Jul 28, 2020, 5:33 PM IST

अयोध्या:सोशल मीडिया पर यह खबर फैलाई जा रही थी कि राम मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा. इसमें मंदिर की पूरी डिटेल होगी, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद नहीं हो. राम मंदिर निर्माण को लेकर चलाए जा रहे भ्रामक खबरों का श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खंडन किया है. ट्रस्ट के महासचिव ने आधिकारिक वेबसाइट पर मंदिर की कंस्ट्रक्शन साइट पर टाइम कैप्सूल रखे जाने की सूचना को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर निर्माण और राम जन्मभूमि परिसर से जुड़ी ट्रस्ट द्वारा जारी अधिकृत सूचना पर ही विश्वास किया जाए.

अफवाहों पर न दें ध्यान
राम नगरी में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण की शुरुआत 5 अगस्त को होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे. सचिव चंपत राय ने आग्रह किया है कि जब तक राम मंदिर निर्माण से जुड़ी ट्रस्ट की तरफ से कोई आधिकारिक वक्तव्य न जाए उसे ही सही न माना जाए.

क्या है टाइम कैप्सूल?
दुनिया में टाइम कैप्सूल का अतीत सैकड़ों साल पुराना माना जाता है. भारत में ही नहीं विदेशों में भी इसका काफी प्रचलन रहा है. टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है. इसे कुछ इस तरह बनाया जाता है कि वो हजारों साल तक जमीन में रहने के बावजूद खराब नहीं हो. इस कंटेनर में जानकारियां दर्ज करके रख दी जाती हैं. 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था. यह ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था. मूर्ति के भीतर 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं.

अयोध्या में तैयारियां जोरों पर
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर तैयारियां तेज हैं. श्री राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करने वाले मार्ग की मरम्मत की जा रही है. वहीं शहर में सभी प्रमुख स्थलों पर पेंटिंग का कार्य किया जा रहा है. साकेत महाविद्यालय में एक अस्थाई हेलीपैड बनाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हवाई पट्टी से हेलीकॉप्टर के जरिए प्रधानमंत्री सीधे साकेत महाविद्यालय पहुंचेंगे, जहां से वह राम जन्मभूमि परिसर के लिए बाई रोड रवाना होंगे.

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