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अयोध्या भूमि विवाद पर निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट को क्या दिया जवाब, जानें...

उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि के मालिकाना हक विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. इसी के तहत सुप्रीम कोर्ट के सवाल का निर्मोही अखाड़े ने जवाब दिया है.

निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब.

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Published : Aug 7, 2019, 2:00 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 3:09 PM IST

अयोध्या:उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या की राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में सुनवाई शुरू कर दी है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के सबूत मांगने पर जिससे यह साबित हो सके कि रामजन्मभूमि की जमीन पर निर्मोही अखाड़े का कब्जा है के जवाब में निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि 1982 में हुई एक डकैती में हमने सारे रिकार्ड खो दिए हैं.

निर्मोही अखाड़े की दलीलें

  • निर्मोही आखाड़े ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर मालिकाना हक का दावा किया.
  • सैकड़ों साल तक अंदर के परिसर और राम जन्मस्थान पर हमारा नियंत्रण था.
  • बाहरी परिसर जिसमें सीता रसोई, चबूतरा, भंडारगृह हैं, वे आखाड़ा के नियंत्रण में थे और किसी मामले में उनपर कोई विवाद नहीं था.
  • 1934 से ही किसी भी मुसलमान को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उसपर सिर्फ निर्मोही आखाड़े का नियंत्रण था.
  • मैं इस क्षेत्र का प्रबंधन और नियंत्रण मांग रहा हूं.
  • पुरातन काल से उस जगह पर हमारा नियंत्रण, प्रबंधन है और राम लला की पूजा करते रहे हैं.

निर्मोही अखाड़े का जवाब

SC ने निर्मोही अखाड़ा से कहा था कि आपके पास इस बात के कोई सबूत हैं, जिससे आप साबित कर सकें कि रामजन्मभूमि की जमीन पर आपका कब्जा है. इसके जवाब में निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि 1982 में हुई एक डकैती में हमने सारे रिकार्ड खो दिए हैं.

Last Updated : Aug 7, 2019, 3:09 PM IST

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