अयोध्या: चुनावी मंच से भले ही हर पार्टी के नेता साफ-सुथरी राजनीति और स्वच्छ छवि के नेताओं और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात करते हो, लेकिन जमीनी तौर पर सियासी समीकरण देखते हुए ये सारे आदर्श और सारे दावे झूठे साबित होते हैं. सत्ता के मोह में अक्सर यह बात सामने आती रही है कि राजनीतिक दल भ्रष्ट छवि के व्यक्तियों और आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं और उनके परिवारी जनों को अपना चेहरा बनाने से नहीं चूकते. ताजा मामला अयोध्या का है जहां पर समाजवादी पार्टी ने भ्रष्टाचार के आरोप में कई महीनों तक फरारी काटने और उसके बाद जेल में बंद निलंबित आईपीएस अफसर अरविंद सेन की पत्नी प्रियंका सेन को जिला पंचायत सदस्य का टिकट दिया है. टिकट देने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि प्रत्याशी जिले के दबंग सपा नेता और पूर्व सांसद रहे मित्र सेन यादव की पुत्रवधू और पूर्व विधायक और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहे आनंद सेन यादव की भाभी हैं.
जिला पंचायत के चुनाव में देवरानी-जेठानी हैं मैदान में
समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए सपा समर्थित जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है.उनमें बसपा सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहे और वर्तमान में सपा के कद्दावर नेता आनंद सेन यादव की पत्नी इंदू सेन यादव को हैरिंग्टनगंज तृतीय से और भ्रष्टाचार के मामले में जेल में निरुद्ध निलंबित आईपीएस अफसर अरविंद सेन यादव की पत्नी प्रियंका सेन को हैरिंग्टनगंज प्रथम से अपना उम्मीदवार बनाया है. बताते चलें कि यह दोनों प्रत्याशी रिश्ते में आपस में देवरानी-जेठानी है और जिला पंचायत के चुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी भी दिखा रही है.
जेल में बंद सस्पेंड IPS अरविंद सेन की पत्नी को सपा ने दिया टिकट - खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहे आनंद सेन यादव
अयोध्या में समाजवादी पार्टी ने भ्रष्टाचार के आरोप में कई महीनों तक फरारी काटने और उसके बाद जेल में बंद निलंबित आईपीएस अफसर अरविंद सेन की पत्नी प्रियंका सेन को जिला पंचायत सदस्य का टिकट दिया है. इतना ही नहीं उनकी देवरानी को भी सपा ने टिकट दिया है. हार और जीत का फैसला तो 2 मई को होगा लेकिन देवरानी और जेठानी के चुनावी समर में कूदने के बाद इन दोनों चुनाव क्षेत्रों में लड़ाई बेहद रोचक हो गई है.
सियासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं दोनों महिला उम्मीदवार
दोनों महिला उम्मीदवार जिस राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं, उसके मुखिया मित्र सेन यादव फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा काफी समय तक बसपा का झंडा बुलंद करने वाले उनके बेटे आनंद सेन यादव भी खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहे हैं. हालांकि कार्यकाल के दौरान ही दलित छात्रा के अपहरण और हत्या के मामले में फंसने के बाद उनका मंत्री पद चला गया था. बाद में वह इस मुकदमे में बरी हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी में अपनी घर वापसी कर ली और इस समय जिले के कद्दावर नेताओं में से गिने जाते हैं.
आईपीएस बने अरविंद सेन के दामन पर लगे भ्रष्टाचार के दाग
हैरिंग्टनगंज प्रथम से जिला पंचायत सदस्य पद के लिए सपा समर्थित उम्मीदवार प्रियंका सेन यादव के पति अरविंद सेन यादव पूर्व सांसद मित्रसेन यादव के बेटे हैं. वैसे तो खांटी कम्युनिस्ट विचारधारा को मानने वाले मित्र सेन यादव ने अपने बच्चों को सियासत विरासत में दी थी, लेकिन शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में तेज अरविंद सेन ने अपनी काबिलियत के दम पर आईपीएस का ओहदा पा लिया.हालांकि इन पर भी पशुपालन घोटाले का आरोप लगा था, जिसके बाद काफी दिनों तक उन्होंने फरारी काटी. बाद में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.