उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

अयोध्या: जहां भगवान राम करते थे दातून, वहां होगा ब्रह्मा का जन्म

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में शरद पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णमासी महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यहां ऐसा माना जाता है कि भगवान राम सुबह उठकर दातून किया करते थे, इसलिए इसको दंत धावन कुंड कहा जाता है.

दंत धावन कुंड

By

Published : Oct 12, 2019, 1:02 PM IST

अयोध्या: भारत आस्था का देश यूं ही नहीं कहा जाता. यहां कुछ मान्यताएं इसे बल देती हैं. अयोध्या के दंत धावन कुंड पर शरद पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा का जन्म होगा. साकेत भूषण समाज इस उत्सव के लिए विशेष तैयारियों में जुट गया है.

शरद पूर्णिमा महोत्सव का होगा आयोजन

राम नगरी अयोध्या में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं. ऐसी ही एक मान्यता है कि भगवान राम सुबह उठकर यहीं दातून किया करते थे, इसलिए इसकोदंत धावन कुंड कहा जाता है. आस्था के केंद्र स्थल पर अनोखे महोत्सव आयोजित किए जाते हैं. इन्हीं में से दंत धावन कुंड पर होने वाला शरद पूर्णिमा एक महोत्सव है. इस महोत्सव के दौरान इस कुंड को क्षीर सागर की तरह सजाया जाता है. भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी कुंड में एक नौका में विराजमान होते हैं.

शरद पूर्णिमा महोत्सव का होने जा रहा आयोजन

पिछले 124 वर्षों से दंत धावन कुंड पर शरद एकादशी के दिन शरद पूर्णमासी महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल होते हैं. विशेष रूप से सजाए गए कुंड की सुंदरता देखते ही बनती है. इस बार भूषण समाज 125वां शरद पूर्णमासी महोत्सव मनाने जा रहा है. नौका में विष्णु और लक्ष्मी शयन करते हैं. शरद एकादशी के दिन दंत धावन कुंड क्षीर सागर की तरह सजाया जाता है.

कुंड में एक विशेष तौर पर बनाई गई नौका में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी विराजमान होते हैं. आयोजन में इस दौरान ब्रह्मा की जन्म की स्थितियां दर्शाई जाती हैं. नौका को लोग कुंड में हाथ से खींचते हैं. उत्सव के दौरान यह दृश्य देखते ही बनता है. इसे देखने के लिए दंत धावन कुंड पर भारी भीड़ उमड़ती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details