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महाराष्ट्र में संतों की हत्या करने वालों को मिले फांसी की सजा: आचार्य सत्येंद्र दास

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने महाराष्ट्र में संतों की हत्या करने वालों को फांसी की सजा देने की मांग की है. पालघर में दो संतों की हत्या के बाद साधु-संतों में गुस्सा है.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास

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Published : Apr 21, 2020, 12:02 PM IST

अयोध्या: महाराष्ट्र के पालघर में हुई संतों की हत्या को लेकर अयोध्या के संतों में भारी आक्रोश है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने मामले में दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि संतों की हत्या करने वाले लोग आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. अगर उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा तो यह बेहद शर्मनाक होगा और ऐसी घटनाएं आगे भी होती रहेंगी. मामले में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए. संत समाज इस घटना से दुखी है.

आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि संज्ञान में आया है कि मौके पर पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन संतों का बचाव करने के बजाय उसने आरोपियों की सहायता की, जिसके चलते उन्होंने संतों की हत्या की है. ऐसे में पुलिस कर्मियों पर भी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संत समाज इस घटना की घोर निंदा करता है और मामले में दोषियों को फांसी देने की की मांग करता है.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरी जी महाराज और सुशील गिरी जी महाराज की हत्या कर दी गई है. घटना को लेकर देशभर के संतों में आक्रोश है. ऐसे में दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की जा रही है. साथ ही घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों की भी संलिप्तता बताई जा रही है. ऐसे में उन पर भी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.

मामला सामने आने के बाद अयोध्या के संतों की कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. मंगलवार को हनुमानगढ़ी के संत राजू दास धरने पर बैठे थे, उन्होंने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी. इसके बाद अब रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मामले में प्रतिक्रिया दी है.

हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास का कहना है कि मामले में केंद्र और प्रदेश सरकार से शीघ्र कार्यवाई करनी चाहिए. 300 से 400 लोगों के बीच पुलिस की मौजूदगी में दो संतों की हत्या बेहद शर्मनाक है. इसमें पुलिस की संलिप्तता प्रशासन की नियति पर सवाल खड़ा करता है. उन्होंने शिवसेना को धार्मिक पार्टी बताते हुए कहा है कि पार्टी की छवि संतो को न्याय दिलाने से खराब हो सकती है. वहीं घटना की घोर निंदा करते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

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