अयोध्या: अयोध्या आतंकी हमले में चार आरोपियों को मिली आजीवन कारावास की सजा पर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के बजाए फांसी की सजा होनी चाहिए थी.
अयोध्या आतंकी हमले पर कोर्ट के फैसले से खुश नहीं सत्येंद्र दास, कहा- आरोपियों को हो फांसी - अयोध्या आतंकी हमले पर आया कोर्ट का फैसला
पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले के मामले में प्रयागराज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले में नैनी जेल में बंद पांच आरोपियों में से चार को आजीवन कारावास और एक को बरी कर दिया है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते आचार्य सत्येंद्र दास.
जानें अयोध्या आतंकी हमले पर कोर्ट का फैसला
- पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में हुए आतंकी हमले के मामले में प्रयागराज की विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
- इस आतंकी हमले के एक अन्य आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
- इस आतंकी हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी. हमला रामजन्मभूमि परिसर में हुआ था.
- फैसला प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में सुनाया गया.
- इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज SC/ST दिनेश चंद्र ने की.
- बता दें कि मामले में पांच आरोपी पिछले काफी समय से नैनी सेंट्रल जेल में ही बंद हैं.
फैसले पर क्या बोले आचार्य सत्येंद्र दास
- अयोध्या आतंकी हमले के इस फैसले पर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.
- आचार्य सत्येंद्र दास ने कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट नहीं नजर आए.
- आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि कोर्ट के आदेश का विरोध नहीं है, लेकिन आरोपियों को सजा कम मिली है.
- कोर्ट ने पांचों आरोपियों में चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक को बरी किया है.
- इस प्रकार की घटना में आरोपी आजीवन कारावास के पात्र नहीं बल्कि फांसी के पात्र हैं.