आयोध्याः पहाड़ों पर भारी बारिश के चलते मैदानी इलाकों की नदियां उफान पर हैं. वहीं बीते एक हफ्ते से उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में हो रही भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. जिसकी वजह से नदियां खतरे के निशान को पार कर रही हैं. मंगलवार की दोपहर केंद्रीय जल आयोग अयोध्या की माप के अनुसार, सरयू नदी खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पूर्वानुमान के मुताबिक नदी का जलस्तर आगे भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
अयोध्या के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं. एक तरफ लगातार आसमान से हो रही बरसात आफत बनकर बरस रही है. वहीं सरयू नदी का जलस्तर भी तेजी के साथ बढ़ने के कारण मुश्किलें और बढ़ गई हैं. जिसके चलते तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ रही है.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी ने बढ़ाई मुसीबत
बताते चलें कि पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं नेपाल से छोड़े गए पानी ने भी मुसीबत को और बढ़ाया है. जिसके चलते राम नगरी अयोध्या के तटवर्ती इलाकों में नदी का पानी तेजी से घुस रहा है और कटान भी हो रही है. मंगलवार की दोपहर केंद्रीय जल आयोग कि माप के मुताबिक सरयू नदी खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं. आने वाले 48 घंटों में नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है.
किसानों की फसल डूबी, पशुओं के लिए चारे का संकटनदी का जलस्तर बढ़ने से सोहावल के धेमवा घाट से लेकर पूरा बाजार के मूढाडीहा तक बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. अयोध्या में सरयू नदी के किनारे बसे गांव में रामपुर पुजारी, दुर्गागंज माझा, मड़ना जैसे तमाम गांव सरयू नदी के पानी से प्रभावित है. इन गांवों में रहने वाले लोगों की जीविका का मुख्य साधन खेती-बाड़ी और पशुपालन है. लेकिन खेतों में पानी भरने से जहां फसलें खराब हो रही हैं वहीं नदी में पानी बढ़ने से पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है.
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