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अयोध्या : दर्शन से पहले राम मंदिर पर रूख स्पष्ट करें प्रियंका गांधी, बोले महंत - ayodhya ram mandir

अयोध्या : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अयोध्या दौरे को लेकर संतों में आक्रोश है. संतों का कहना है कि दर्शन से पहले प्रियंका गांधी को राम मंदिर पर अपना और अपनी पार्टी को ओर से रूख स्पष्ट करना चाहिए . बता दें कि प्रियंका गांधी शाम 6 बजे हनुमानगढ़ी मंदिर की पूजा में शामिल होंगी.

ईटीवी भारत से बातचीत करते आचार्य सत्येंद्र दास.

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Published : Mar 29, 2019, 2:00 PM IST

अयोध्या :भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में अपने रोड शो के लिये प्रियंका गांधी जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं. प्रियंका गांधी आज शाम अयोध्या में हनुमान गढ़ी के दर्शन करने भी जाएंगी. शाम 6 बजे वो हनुमानगढ़ी मंदिर की पूजा में शामिल होंगी.वहीं राम लला और हनुमानगढ़ी के महंत ने प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर कहा कि उनके पूर्वजों ने कभी नहीं माना कि भगवान राम का अस्तित्व था. प्रियंका गांधी को दर्शन करने से पहले राम मंदिर पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए.

ईटीवी भारत से बातचीत करते आचार्य सत्येंद्र दास.


आचार्य सत्येंद्र दास जी ने कहा कि प्रियंका गांधी को राम जन्म भूमि मामले पर अपना व्यक्तिगत मत और अपनी पार्टी की ओर से भी रूख साफ करना चाहिए. यदि वह यहां दर्शन करने आती तो उन्हें लाभ होता, लेकिन उनकी यात्रा सिर्फ एक चुनावी यात्रा है. मुझे लगता है यह सफल नहीं होगी,क्योंकि यह सारा काम उल्टा हो रहा है. पहले उन्हें दर्शन करने आना चाहिए फिर सभाएं करनी चाहिए.


जबकि प्रियंका गांधी पहले सभा कर रही हैं, रोड शो कर रही हैं और समय मिलने पर बाद में दर्शन करने आएंगी. इसी से इनकी नीति का पता चलजाता है. कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से इस मामले को विवादास्पद बनाए रखा है. कांग्रेस कहती है कि ताला उसने खुलवाया था तो इनके नेता कहते हैं राम काल्पनिक है. अगर काल्पनिक है तो वह किस उद्देश्य से हनुमानगढ़ी दर्शन के लिए आ रहे हैं.


वहीं संतों में प्रियंका गांधी के मंदिर दर्शन को लेकर के आक्रोश है. एक तरफ जहां सतेंद्र दास जी ने उन्हें राम जन्म भूमि मामले पर अपना पक्ष स्पष्ट करने का कहा है तो वहीं हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने सीधी चुनौती देते हुए कहा कि वह राम जन्मभूमि पर अपना पक्ष रखें और अयोध्या के जनता के बीच जो भ्रम है उसे दूर करें. तभी लोग कांग्रेस से आत्मीयता से जुड़ सकेंगे. लेकिन अगर प्रियंका गांधी ने पुरानी कांग्रेस की राह पर चलने का निर्णय लिया और राम लला के दर्शन नहीं किए तो यह उनके लिए अंतिम पारी होगी और उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो जाएगा.

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