अयोध्याः राम नगरी अयोध्या में राम भक्त हनुमान के वंशज माने जाने वाले बंदरों के लिए भी अभ्यारण(sanctuary for monkeys) बनने जा रहा है. इसके लिए वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा बंदरों के स्वभाव पर रिसर्च(Research on nature of monkeys) किया जा रहा है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उन्हें किस तरह के माहौल में रखा जाना सही होगा. उनके खाने-पीने से लेकर उनके उछल-कूद और आनंद के सभी संसाधन इस अभयारण्य में मौजूद रहेंगे. इस पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है. इसके अलावा कुत्तों के लिए भी एक ऐसा स्थान नियत किया जा रहा है.
बता दें, कि अयोध्या में बंदरों की एक बड़ी तादात है. इन बंदरों के चलते न सिर्फ सौंदर्यीकरण की तमाम योजनाओं को क्षति पहुंच रही है, बल्कि अक्सर यह बंदर राहगीरों और श्रद्धालु पर्यटकों पर हमलावर भी हो जाते हैं. इनकी संख्या अधिक होने के कारण इनके खाने-पीने की भी समस्या रहती है. बीते लॉकडाउन में बड़ी तादात में अयोध्या में मंदिरों की भूख से भी मौत हुई थी. इन सब विषयों को दृष्टिगत रखते हुए बंदर अभ्यारण(monkey sanctuary) बनाने की योजना बनाई जा रही है.
खास बात यह है कि पहले भी अयोध्या से बंदरों को पकड़कर बाहर ले जाकर छोड़ने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अयोध्या के हनुमानगढ़ी के संतों महंतों के विरोध के चलते यह योजना अमल में नहीं आ सकी. इन बंदरों को हनुमान जी की सेना मानकर अयोध्या में हनुमानगढ़ी के संत महंत इन्हें आस्था की नजर से देखते हैं. इसके अलावा अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह बंदर आस्था से जुड़े हैं. इन विषयों को ध्यान में रखते हुए अब इन्हें अयोध्या में ही संरक्षित करने की योजना पर विचार चल रहा है.