अयोध्या: उत्तर प्रदेश में 55 घंटे के लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए एक बार फिर संत समाज ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है. संतों ने कहा है कि वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को अपने घरों में रहकर पूजा-पाठ करना चाहिए. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच लोगों का मंदिरों में जाना आवश्यक नहीं है. वहीं हनुमान गढ़ी के महंत ने संक्रमण पर नियंत्रण पाने के सरकार के हर प्रयास का स्वागत किया है.
आचार्य सत्येंद्र दास और महंत राजूदास ने लोगों से की अपील. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि श्रद्धालुओं को किसी भी धार्मिक स्थलों पर जाने की जरूरत नहीं है. कोरोना के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. राम जन्मभूमि परिसर में तैनात पीएसी जवान के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में उन्होंने श्रद्धालुओं को घरों में रहकर पूजा-पाठ करने की सलाह दी है. मंदिरों में भीड़ हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि लोग घरों में रहकर खुद को बचा सकेंगे. इसके साथ ही इस भयावह महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा.
वहीं हनुमान गढ़ी के पुजारी राजूदास का कहना है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने लॉकडाउन का उचित निर्णय लिया है. भक्त सरकार के निर्देशों का पालन करें, जिससे कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके. महंत राजूदास ने श्रद्धालुओं से 2 दिन तक मंदिरों में न आने की अपील की है.
बता दें कि अयोध्या के मंदिरों में 55 घंटे के लॉकडाउन के दौरान स्थानीय स्तर पर श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जा रही है. इस दौरान मंदिर प्रशासन की ओर से पूरी तरह सतर्कता बरती जा रही है. श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सभी निर्देशों का पालन किया जा रहा है.
जिला प्रशासन सतर्क
इस लॉकडाउन को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है. जिलाधिकारी अनुज कुमार झा जिले में घूमकर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करा रहे हैं. अयोध्या के धार्मिक स्थलों पर भी लोगों को सतर्क किया जा रहा है. सड़कें सूनी हैं. मंदिरों में भी श्रद्धालु नाम मात्र के पहुंच रहे हैं. मंदिरों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. हाथों को सैनिटाइज कराया जा रहा है. उसके बाद ही मंदिरों में प्रवेश करने को मिल रहा है.