अयोध्या:कोरोना महामारी के दौरान असमय काल के गाल में समा जाने वाले तमाम ऐसे लोग जिनका अंतिम संस्कार विधि विधान से नहीं हो पाया, उनकी आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए संतों ने सरयू जी के तट पर भव्य पूजा अर्चना की. साथ ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में बाधा न आए, इसके लिए भी संतों ने मां सरयू के तट पर पूजा अर्चना के चुनरी चढ़ाई. संतों ने सरयू जी से मंगल कामना की है कि अयोध्या में चल रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार की बाधा न आए.
अयोध्या में संतो ने किया मां सरयू का दुग्धाभिषेक विश्व विख्यात हो अयोध्या का राम मंदिर
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने कहा कि राम नगरी में सरयू जी के दर्शन मात्र से हजारों कष्ट और पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता के चलते आज सरयू तट के किनारे एक भव्य पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने सरयू जी से आराधना की. मंदिर निर्माण में कोई बाधा न आए और जल्द विश्व विख्यात मंदिर अयोध्या में स्थापित हो. इस मंगल कामना को लेकर सरयू जी का पूजन अर्चन, दुग्ध अभिषेक और चुनरी चढ़ाने का कार्यक्रम किया गया है.
मां सरयू का दुग्धाभिषेक
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि बीते कुछ माह में पूरे देश और पूरी दुनिया में कोरोना त्रासदी हुई है. उस काल में बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग थे जिन का अंतिम संस्कार विधि विधान से नहीं हो पाया. हिंदू परंपरा के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का विधि विधान से अंतिम संस्कार और अंतिम कर्मकांड न किया जाए तो उसे मुक्ति नहीं मिलती. ऐसे लोगों की मुक्ति के लिए आज सरयू जी से कामना की गई है. जिससे कि उन्हें वैकुंठ में स्थान मिले और उनकी आत्मा को शांति पहुंचे.
अयोध्या के संत आह्लादित हैं
मंदिर निर्माण के लिए लाखों लोगों ने आहुतियां दी हैं. राम मंदिर विवाद पर फैसला आने के बाद अब मंदिर का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है, जिससे संत समाज में खुशी का माहौल है. साथ ही कोरोना काल मे लाखों की संख्या में लोग काल के गाल में समा गए हैं. ऐसे में बहुत से ऐसे लोग थे जिनको उनके परिजन नहीं ले सके जिनका अंतिम संस्कार विधि विधान से नहीं हो पाया, इन सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए आज सरयू नदी पर पूजन अर्चन किया गया है. मुख्य रूप से करोना काल में मृत्यु लोक को प्राप्त हुए लोगों के आत्मशांति और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और मंदिर निर्माण निर्विरोध संपन्न हो इस मनोकामना के साथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने वैदिक ब्राह्मणों के साथ सरयू में पूजन अर्चन किया है. साथ ही सरयु नदी का दुगधाभिषेक किया गया.
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने कहा कि अयोध्या में निवास करने का फल सरयू का नित्य दर्शन है. सरयू जी के किनारे संसार के प्राणी भगवान के चरणों का अखंड दर्शन प्राप्त करते हैं. समस्त बाधाएं दूर होती हैं. वर्तमान में राष्ट्र के सामने कोरोना कि बीमारी का संकट है. हमने सरयू मां की पूजन अर्चन कर आशीर्वाद मांगा है कि कोरोना का संकट दूर हो राम मंदिर का निर्माण निर्विवाद रूप से चलता रहे.
विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए और पूजा में मुख्य यजमान की भूमिका निभाने वाले विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि मोक्षदायिनी सरयू जी को नमन करने के लिए पूज्य संत और धर्माचार्य एकत्रित हुए हैं और हम सब लोग भी पूजन में समलित हैं. आज का कार्यक्रम सतत कार्य सिद्धि के लिए किया गया साथ ही कोरोना काल मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों की आत्मशांति और मंदिर निर्माण का संकल्प पूरा हो रहा है उसके लिए सरयू पूजन किया गया है.
महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि सरयू के दर्शन और पूजन से पुण्य प्राप्त होती है. सरयू दर्शन से सभी कामनाओं की सिद्धि होती है. सरजू जी का स्नान और दर्शन महत्वपूर्ण होता है. सरयू जी का पूजन किया गया चुनरी चढ़ाई गई समस्त कार्यों की सिद्धि सरयू जी के पूजन से होती है.
आपको बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण होने के साथ ही लगातार विपक्ष के नेताओं द्वारा ट्रस्ट के ऊपर जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. इन आरोपों को लेकर अयोध्या के संत भी आहत हैं. इसीलिए मंदिर निर्माण में कोई बाधा न पहुंचे जिसके लिए संतों ने यह कार्यक्रम किया था. कार्यक्रम में सरयू आरती समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा, महंत कन्हैया दास, पुजारी रमेश दास सहित बड़ी संख्या में साधु संत शामिल रहे.