2024 में भगवान रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे. अयोध्याः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक बुधवार को अयोध्या के मणिराम दास छावनी सभागार में संपन्न हुई. इस बैठक में ट्रस्ट के 11 सदस्य मौजूद रहे, जबकि 3 सदस्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. पिछली बार 4 जनवरी को ट्रस्ट की यह महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसके बाद आज तक हुए निर्माण कार्य की प्रगति पर बुधवार की बैठक में समीक्षा की गई. बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी मौजूद रहे. इसके अलावा ट्रस्ट के संस्थापक संरक्षक वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरण भी 2 घंटे तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल रहे.
मंदिर की फर्श बनाने का काम जून में होगा शुरू
बैठक के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत गोपालदास के जन्मोत्सव कार्यक्रम के मौके पर उन्हें सभी सदस्यों ने बधाई दी. इसके बाद मंदिर निर्माण की अब तक की प्रगति पर समीक्षा की गई. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण के अलावा परिसर में चल रहे सभी निर्माण कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं. इस वर्ष के अंत तक भूतल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. अभी तक मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में छत डालने का कार्य चल रहा है, जिसके बाद जून माह में मंदिर की फर्श तैयार की जाएगी. इसके अलावा दरवाजे लगाने का काम भी शुरू होगा.
2024 में भगवान रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान होंगे
चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के सदस्यों की सहमति से श्री रामलला को गर्भ ग्रह में विराजमान करने के आयोजन का समय तय किया जा रहा है, जिसमें सप्ताह भर के आयोजन को लेकर विचार विमर्श किया गया है. हालांकि यह आयोजन कब से कब तक होगा इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन इतना तय है कि वर्ष 2024 में भगवान रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर मांगा गया है समय
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का समय 7 दिन का रखा गया है. इन 7 दिनों में भगवान की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. 7 ज्योतिषियों के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को निकालने का कार्य जारी है. इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने के लिए ट्रस्ट के अध्यक्ष द्वारा आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें 25 दिसंबर से लेकर 26 जनवरी के बीच प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए समय आरक्षित करने की बात कही गई है. मकर संक्रांति के बाद एक पूर्व निर्धारित मुहूर्त में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रस्तावित है. हालांकि अभी निर्धारित तिथि पर अंतिम निर्णय आना बाकी है.
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