अयोध्या:जिले में इस बार दीपोत्सव के दौरान तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें रामलीला का मंचन किया गया. इसमें नेपाल से आए कलाकारों द्वारा मंचन की गई रामलीला विशेष रही. विशेष मान्यता के कारण इस रामलीला में राम-सीता वियोग प्रसंग की प्रस्तुति नहीं की जाती है. माना जाता है कि मिथिलांचल में मां सीता को बहन और बुआ का दर्जा प्राप्त है, इस कारण से मिथिला में सीता का राम से वियोग देखना कोई भी पसंद नहीं करता है. इसी वजह से इसे जानकी लीला भी कहा जाता है.
मिथिलावासी माता सीता को मानते हैं बहन
नेपाल स्थित जनकपुर राजा जनक की राजधानी थी, जहां अकाल पड़ने के बाद ज्योतिषियों ने राजा जनक को सोने का हल चलाने का सुझाव दिया. जब राजा ने हल चलाया तो जमीन में हल से एक घड़ा टकराया. मान्यता है कि इसी घड़े से सीता जी निकली थीं. मिथिलावासी माता सीता को बहन और भगवान श्री राम को जमाई मानते हैं.