अयोध्या: प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में राम नगरी अयोध्या में 10 दिनों तक झूलन उत्सव का पर्व मनाया जाता है. इन दिनों भी अयोध्या में सावन झूला मेले का उल्लास बिखरा हुआ है. हालांकि बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह पर्व नहीं मनाया गया था. लेकिन इस वर्ष प्रतिबंधों के साथ इस पर्व को मनाने की अनुमति मिली है. जिसके बाद राम नगरी अयोध्या में फिर से रौनक लौट आई है.
चांदी के झूले पर विराजमान हुए रामलला, अयोध्या में छाया 'झूलन उत्सव' का खुमार - महासचिव चंपत राय
इस वर्ष का झूलन उत्सव अयोध्या के लिए बेहद खास है, क्योंकि इस वर्ष राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला सरकार चांदी के झूले में विराजमान हो रहे हैं. यह पहला ऐसा मौका है जब परिसर में रामलला को चांदी के झूले पर झुलाया जाएगा.
इस वर्ष का झूलन उत्सव अयोध्या के लिए बेहद खास है. क्योंकि इस वर्ष राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला सरकार चांदी के झूले में विराजमान हो रहे हैं. यह पहला ऐसा मौका है जब परिसर में रामलला को चांदी के झूले पर झुलाया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया में झूले की तस्वीर जारी करते हुए पुष्टि की है कि इस वर्ष रामलला 21 किलो वजन के चांदी के झूले में विराजमान होंगे. श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि से झूलन उत्सव परंपरागत रूप से शुरु हो चुका है और पूर्णिमा तिथि को यह झूलन उत्सव समाप्त होगा.इस दौरान श्रद्धालुओं को चांदी के झूले में विराजमान राम लला का दर्शन मिलेगा.
आपको बता दें कि राम जन्मभूमि परिसर के अलावा अयोध्या के करीब 5000 मंदिरों में श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि को झूले पड़ चुके हैं और 10 दिनों तक यह उत्सव मनाया जाएगा.