अयोध्या:श्रीराम जन्मभूमि फैसले के बाद भगवान राम और सीता के विवाह उत्सव में देश के कई कोने से श्रद्धालु शामिल होने के लिए आ चुके है. अन्य विवाहोत्सव की अपेक्षा इस बार के विवाह में श्रद्धालुओं का उल्लास कई गुना बढ़ गया है. श्रद्धालुओं की ऐसी मनोकामना है कि अयोध्या में बहुत जल्द भगवान राम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा. जहां श्रद्धालु अपने अराध्य का दर्शन-पूजन कर खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगे.
फुलवारी प्रसंग ने श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध
दशरथ महल में विंदुगद्याचार्य महंत देवेंद्र प्रसाद आचार्य के नेतृत्व में राम विवाह महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. फुलवारी प्रसंग ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर लिया. 19 दिसंबर को भगवान श्रीराम की भव्य बारात मंदिर परिसर से निकाली जाएगी. महंत श्रीदास के नेतृत्व में राष्ट्रीय कथावाचक भरत दास महाराज भगवान की कथा के साथ-साथ रामलीला पुष्प वाटिका का प्रसंग किया गया. 19 दिसंबर को भगवान का भव्य विवाह किया जाएगा. इसके साथ-साथ रंगमहल, राम कचहरी सहित अन्य स्थानों पर भी 19 दिसंबर को भव्य बारात निकाली जाएगी.
श्रद्धालुओं में विवाह का उमंग
किशोरी जी को अपनी पुत्री के रूप में मांगने वाले जानकी महल ट्रस्ट के श्रद्धालुओं में विवाह का उमंग देखते ही बनता है. अपने आराध्य प्रभु श्रीराम की फुलवारी लीला देखने के लिए सुबह से ही माताएं, बहनें तैयार थीं. मंगल गीत के साथ-साथ हाथों में मेहंदी रचाकर सज-धज कर प्रभु श्रीराम और माता जानकी के प्रथम मधुर मिलन की लीला देखने के लिए तैयार है.
पहली बार पुष्प वाटिका में मिले प्रभु राम और माता जानकी
भगवान श्रीराम नगर भ्रमण करते हुए पुष्प वाटिका में पहुंचते हैं. जहां माता जानकी गौरी पूजन के लिए आई हैं. पहली बार प्रभु श्रीराम और माता जानकी का मिलन पुष्प वाटिका में होता है. यह मंगल दृश्य देखकर वहां उपस्थित लोग हर्षित होकर माता जानकी और प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाने लगे.