मुहूर्त को गलत बताने पर भड़के संत, परमहंस दास ने ज्योतिष पीठाधीश्वर को दी शास्त्रार्थ की चुनौती
यूपी के अयोध्या जिले में भूमि पूजन को लेकर जारी तिथि को ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती अशुभ बताया था. इस पर संत परमहंस दास ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इसे अशुभ बताने वाले ज्योतिष पीठाधीश्वर को यह साबित करने की आवश्यकता है. इसके लिए मैं उनसे शास्त्रार्थ करने के लिए तैयार हूं. वह हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक शास्त्रार्थ कर सकते हैं.
परमहंस दास
अयोध्या:श्री राम जन्म भूमि पर बनने वाले मंदिर निर्माण को लेकर ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा गलत बताने पर राम नगरी के संत परमहंस दास ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य को चुनौती दी है कि वे सिद्ध करें कि भाद्रपद में निर्माण कार्य अशुभ होता है. परमहंस दास ने सवाल किया है कि जिस मास में अलौकिक शक्तियों का अवतार हुआ हो वह कैसे अशुभ हो सकता है.
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने की प्रबल संभावना है. वहीं काशी के ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने पहले राम मंदिर निर्माण की तिथि को अशुभ बताया था. उन्होंने कहा था कि अगर इस तिथि पर मंदिर निर्माण शुरू होता है तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. बाद में इसके समर्थन में ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती भी आ गए.वहीं ज्योतिष पीठाधीश्वर और उनके शिष्य के इस बयान को लेकर राम नगरी के संतों, महंतों और राम मंदिर समर्थकों में आक्रोश है. तपस्वी जी छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने इसे राम काज में बाधा डालने का प्रयास बताया गया है.
उन्होंने कहा है कि जिस महीने में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ हो उस मास में मंदिर निर्माण की घड़ी अशुभ कैसे हो सकती है. कृष्ण भगवान राम के ही अवतार हैं. भगवान राम का नाम लेने से सभी अमंगल नष्ट हो जाते हैं.परमहंस दास ने कहा है कि 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन की घड़ी शुभ है. इसे अशुभ बताने वाले ज्योतिष पीठाधीश्वर को यह साबित करने की आवश्यकता है. इसके लिए मैं उनसे शास्त्रार्थ करने के लिए तैयार हूं. वह हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक शास्त्रार्थ कर सकते हैं. परमहंस दास ने ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वरूपानंद सरस्वती को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मैं शास्त्रार्थ में हार जाऊंगा तो जीते जी समाधि ले लूंगा.