अयोध्या : राम के नाम की हर ओर गूंज है. हर ओर बस एक ही जयकारा लग रहा है. अयोध्या भगवान राम के स्वागत को तैयार है. इस बीच एक खुशी उनके चेहरे पर भी देखने को मिल रही है, जिनके घर से रामलला के लिए रबड़ी का भोग जाता है. देशी घी, खोआ के साथ ही दूध भेजा जाता है. जी हां! हम बात कर रहे हैं सीताराम यादव जी की, जिनके नाम में ही माता सीता और प्रभु राम का नाम है. सीताराम बताते हैं कि जब अयोध्या में कर्फ्यू लगा हुआ था तब भी रामलला के लिए हमारे यहां से भोग जाया करता था. आज तीसरी पीढ़ी इस काम में लगी हुई है.
भगवान राम के काम के लिए अयोध्या वासी खुद को समर्पित कर चुके हैं. जब से राम मंदिर का संघर्ष शुरू हुआ और आज तक कई परिवारों की कई पीढ़ियां राम की सेवा में लगी हुई हैं. राम नाम ही इतना ऊर्जावान है कि हर कोई उनके लिए अपनी आने वाली कई पीढ़ियों को उनकी सेवा में लगाने को तैयार है. इन्हीं में से एक नाम सीताराम यादव जी का है. इनके पिताजी पहले प्रभु राम के लिए रबड़ी का भोग पहुंचाते थे. अब सीताराम जी रामलला के लिए भोग पहुंचाते हैं. अब इनकी बेटी भी इस काम में इनका साथ दे रही हैं.
भेजी जाती है 25 किलो घी, 5 किलो रबड़ी :सीताराम बताते हैं कि, आज भी रामलला के लिए भोग पहुंचाने का काम किया जाता है. अलग-अलग त्योहारों पर भी कई तरह के भोग भेजे जाते हैं. हमारे यहां से महीने में 25 किलो घी, सुबह पांच किलो रबड़ी, ढाई किलो पेड़ा, शाम को साढ़े तीन लीटर दूध भेजा जाता है. सुबह का दूध जाता था, लेकिन वह अभी बंद है. इसके साथ ही पंजीरी हमारे ही यहां से रामलला के आयोजनों में भेजी जाती है. उन्होंने बताया कि, अभी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कोई विशेष ऑर्डर हमको नहीं मिला है. अगर कोई ऑर्डर मिलता है तो जरूर पूरा करेंगे.