अयोध्या:भगवान श्री सीताराम विवाहोत्सव पर कनक भवन, दशरथ महल, मंत्रार्थ मंडपम, जानकी महल सहित 10 मंदिरों से होते हुए अयोध्या में धूमधाम से राम बारात निकली गई, जिसका जगह-जगह स्वागत हुआ. इस दौरान जहां एक ओर आधी अयोध्या मिथिला बनी, तो रामनगरी का दूसरा क्षेत्र अयोध्या के रूप में दिखा. अयोध्या और मिथिला का समन्वय बनी राम नगरी विवाह पंचमी के दिन उल्लास में डूबी रही. अयोध्या मुख्य मार्ग पर राम बारात की धूम दिखी, तो गलियों में पुष्प वर्षा कर आरती कर स्वागत का दौर जारी रहा. समूची अयोध्या अपने आराध्य श्रीराम व उनकी प्राणप्रिया जानकी के महोत्सव के उल्लास में मगन रहा.
मंदिरों से धूमधाम से निकली राम बारात से अयोध्या का कोना-कोना उल्लास से चटख हो उठा. रामकोट स्थित रंग महल, दशरथ महल और वासुदेव घाट स्थित जानकी महल ट्रस्ट, मंत्रार्थ मंडपम, हनुमान बाग आदि स्थानों से निकली राम बारात में भव्य रथ पर विराजमान भगवान श्रीराम चारों भैया के स्वरूप आकर्षण का केंद्र बने रहे.
प्रभु श्रीराम का द्वार पूजन
वहीं देश भर से आए श्रद्धालुओं के साथ ही अगुवाई कर रहे संत महंत भी प्रसन्न नजर आए. अतिथियों का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया. जानकी महल से निकली राम बारात श्रृंगारघाट होते हुए नगर भ्रमण के पश्चात जानकी महल पहुंची, जहां बारातियों का स्वागत किया गया. इसके बाद प्रभु श्री राम का द्वार पूजन और माता जानकी का पूजन किया गया.
राजा दशरथ के महल में महंतों ने सुने विवाह के मधुर गीत
कनक भवन में इस उत्सव की विशेष धूम देखी गई. यहां राम बारात की छटा देखते ही बनती है. ढोल, नगाड़े, हाथी -घोड़ों के साथ कनक भवन की बारात मन मोहती रही. चक्रवर्ती राजा दशरथ के महल से बिंदुगद्दी के आचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य की अध्यक्षता में सनकादिक आश्रम के महंत व अयोध्या संघ समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, महंत भरत दास, तनतुलसी पीठाधीश्वर विष्णु देवाचार्य, कथावाचक भरत दास, कृपालु महाराज, एमबी दास आदि की उपस्थिति में धूमधाम से राम बारात निकली. महंतों को इस अवसर पर विवाह के मधुर गीत सुनाये गए.