अयोध्या : राम मंदिर मामले को लेकर हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि अयोध्या की शास्त्रीय सीमा और 84 कोसी के अंतर्गत किसी भी तरह के बाबर के नाम की कोई चीज साधु-संतों को और हम लोगों को स्वीकार नहीं है. दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि मामले में बनी तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. मुस्लिम पक्षकारों ने इस पर विरोक्ष जताया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक का और समय मांगा है, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
15 अगस्त तक जारी रहेगीमध्यस्थता की प्रकिया
- राम जन्मभूमि मंदिर मामले में बनी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई.
- कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सकारात्मक विकास की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कमेटी ने 15 अगस्त तक का और समय मांगा है.
- सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल को 15 अगस्त तक का समय दिया है.
- कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ लोग मध्यस्थता नहीं चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर क्या बोले राजू दास
- हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि मुस्लिम पक्षकार की तरफ से उनके वकील ने सहमति जाहिर की है.
- इसके लिए मैं धन्यवाद और आभार करता हूं.
- सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाना चाहता है.
- सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि जल्द से जल्द राम जन्मभूमि का मामले का हल निकले.
- राजूदास ने कहा कि राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की कोई बात ही नहीं होनी चाहिए थी.
- दूसरे पक्ष के पास जो एविडेंस, साक्ष्य, आधार, प्रमाण हैं वह बाबरी मस्जिद के लिए उचित नहीं हैं.
- वहां पर सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य, आधार, शिलालेख मिले हैं, वह सभी राम जन्मभूमि के पक्ष में हैं.
- राजू दास ने कहा कि हम मध्यस्थता का विरोध नहीं करते हैं.
- मेरा सुप्रीम कोर्ट से यह निवेदन है कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करें.