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फैसले की आहट से श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में बढ़ी रौनक - अयोध्या भूमि विवाद

अयोध्या भूमि विवाद मामले में 17 नवंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपना फैसला सुना सकता है. वहीं फैसले की आहट से 2010 के बाद एक बार फिर श्रीराम मंदिर कार्यशाला में चमक देखने को मिल रही है.

श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में बढ़ी रौनक.

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Published : Nov 8, 2019, 6:51 PM IST

अयोध्या:रामनगरी में पिछले कई दशकों से राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम जारी है. वर्ष 2010 के बाद एक बार फिर श्रीराम मंदिर कार्यशाला में चमक देखने को मिल रही है. कार्यशाला को पूरी तरह साफ किया गया है, ऐसे में रामलला के दर्शन करने अयोध्या आ रहे श्रद्धालु राम मंदिर निर्माण के लिए रखे पत्थरों को देखने आ रहे हैं.

श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में बढ़ी रौनक.

सितंबर 1990 से जारी है पत्थर तराशने का काम
अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आहट से एक बार फिर से श्रीराम जन्मभूमि न्यास समिति की राम मंदिर कार्यशाला में रौनक छाई हुई है. ऐसे में विश्व हिंदू परिषद प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि श्रीराम मंदिर निर्माण कार्यशाला की शुरुआत सितंबर 1990 को की गई थी, तब से लगातार यहां पत्थर तराशने का काम चल रहा है.

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करीब 65 प्रतिशत कार्य पूरा
शरद शर्मा कहते हैं कि यहां पर संपूर्ण मंदिर के पत्थर रखे हुए हैं. मंदिर की संपूर्ण लंबाई 265 फुट 5 इंच चौड़ाई 140 फीट है. नक्काशी का काम करने वाले लोग गुजरात, राजस्थान और मिर्जापुर से हैं. अब तक लगभग 65 परसेंट काम हो चुका है.

फैसले की प्रतीक्षा
वीएचपी प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि भूतल का काम लगभग पूरा हो चुका है. अभी परिक्रमा गर्भ गृह और शिखर का काम होना बाकी है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है, मामले पर शांतिपूर्ण समाधान की अपेक्षा है.

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