अयोध्याः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीद कर भ्रष्टाचार करने का आरोप विक्षप लगातार लगा रहा है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और अयोध्या से सपा के पूर्व विधायक पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे पवन ने ट्रस्ट पर राम मंदिर जमीन घोटाले का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में प्रापर्टी डीलर सुल्तान अंसारी का नाम बार-बार आ रहा था. बुधवार को सुल्तान अंसारी ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया.
सुल्तान अंसारी ने कहा कि पूरी डील में कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और जो जमीन ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट की गई है. वह मार्केट रेट से काफी कम कीमत में की गई है. इसके पीछे मेरी खुद की सोच शामिल है. मेरी भगवान राम में आस्था है और इसलिए मैंने ट्रस्ट को कम दाम पर जमीन का एग्रीमेंट किया है. सुल्तान अंसारी ने कहा कि किसी को इस पर आपत्ति जताने का कोई अधिकार नहीं है.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए सुल्तान अंसारी ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि 10 मिनट में दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ की हो गई. उन्हें सही तथ्यों का पता नहीं है. उन्हें कम से कम पहले जानकारी कर लेनी चाहिए थी. यह जमीन सबसे पहले 2011 में एग्रीमेंट की गई. जिसका एग्रीमेंट मेरे पिता इरफान अंसारी और हरी पाठक और उनकी पत्नी ने किया था. जिसके बाद इस जमीन पर मुकदमा हो गया जिसके कारण इसका बैनामा नहीं हो पाया.
2011 के बाद दो बार जमीन का एग्रीमेंट का समय बढ़ाया गया. आखिरी में जब जमीन का विवाद खत्म हो गया तो साल 2019 में इस जमीन का एग्रीमेंट 2 करोड़ में तय किया गया. जिसमें 50 लाख पेशगी के तौर पर भी दिया गया था. इसलिए जमीन की कीमत 10 मिनट में 18 करोड़ नहीं हुई, बल्कि 2011 से लेकर 2021 के बीच इस जमीन की कीमत दो करोड़ से बढ़कर अट्ठारह करोड़ हो गई.
सौदे में नहीं हुई कोई बेईमानी