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अयोध्या में मस्जिद निर्माण की तैयारी, नक्शा मंजूरी की मांग - अयोध्या की ताजी खबर

एक ओर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तेजी से हो रहा है तो वहीं अब मस्जिद के निर्माण की तैयारी भी तेज होने लगी है. इसी के मद्देनजर अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) से करीब एक साल से लंबित पड़े मस्जिद के नक्शे की मंजूरी की मांग की गई है.

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इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की ओर से दी गई यह जानकारी.

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Published : Jul 1, 2022, 4:17 PM IST

अयोध्याः धन्नीपुर में मस्जिद के निर्माण के लिए तैयारियां तेज हो गईं हैं. इसके नक्शे को जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) के उपाध्यक्ष से मुलाकात की. ADA के पास यह नक्शा करीब एक साल से लंबित है.

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के अध्यक्ष ज़ुफ़र फारूकी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह से मुलाकात की. इस प्रतिनिधिमंडल में ट्रस्टी मोहम्मद राशिद, हाजी इमरान अहमद, अरशद अफजाल खान और ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन भी शामिल थे.

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने प्राधिकरण के पास एक वर्ष से अधिक समय से लंबित मस्जिद परियोजना के नक्शे की जल्द से जल्द मंजूरी को लेकर चर्चा की.

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की ओर से दी गई यह जानकारी.

अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की ओर से पिछले साल 25 मई को दिवंगत ट्रस्टी कैप्टन अफजाल अहमद खान ने 11 सेटों में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को मस्जिद का नक्शा स्वीकृति के लिए दिया था. नक्शे की स्वीकृति का शुल्क करीब 5 लाख रुपए जमा कर दिया गया था. ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि हमने अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के साथ बैठक की. उम्मीद है कि हमें जल्द ही मस्जिद परियोजना शुरू करने के लिए प्राधिकरण से मंजूरी मिल जाएगी.

बता दें कि अयोध्या के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद में हुए फैसले के तहत धन्नीपुर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 5 एकड़ भूमि पर दो हजार नमाजियों की क्षमता वालीमस्जिद का निर्माण होना है. इसके अलावा इस परियोजना में 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल व सामुदायिक रसोई का निर्माण भी प्रस्तावित है. इस रसोई के जरिए रोज एक हजार लोगों को भोजन मिलेगा. स्वतंत्रता सेनानी शहीद मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर एक शोध केंद्र बनेगा.

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