अयोध्या: भगवान राम के जन्मस्थान पर पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन करने जा रहे हैं. ऐसे में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी पहलुओं को याद किया जा रहा है. रामलला को टेंट में देखने के बाद 29 वर्षों तक प्रधानमंत्री अयोध्या में रामलला का दर्शन नहीं करने आए. पांच अगस्त को जब वह राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेंगे तो अयोध्या में एक नई सुबह का आगाज होगा.
श्रीराम जन्मभूमि में 500 वर्षों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है. यह राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों के संघर्ष का परिणाम है. ऐसे में भगवान के जन्म स्थल पर मंदिर निर्माण की शुरुआत से पहले राम नगरी को सजाया संवारा जा रहा है. पीएम मोदी पांच अगस्त को जब राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे तो दीपोत्सव जैसी छटा देखने को मिलेगी.
ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र. प्रधानमंत्री ने मोदी के दौरे से पहले सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की है. यह तस्वीर 1991 की बताई जा रही हैं, जब रामलला के जन्म उत्सव में शामिल होने वे अयोध्या पहुंचे थे. तस्वीर में वह पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के साथ दिखाई दे रहे हैं. उस वक्त यह फोटो एक स्थानीय फोटोग्राफर महेंद्र त्रिपाठी ने खींची थी. महेंद्र त्रिपाठी का दावा है कि उन्होंने उस समय नरेंद्र मोदी से सवाल किया था कि वह दोबारा अयोध्या कब आना चाहेंगे तो उन्होंने जवाब दिया था कि जब राम मंदिर बनेगा तब.वर्ष 1991 से 2020 तक 29 वर्षों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के अयोध्या न आने को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे थे. श्रीराम जन्मभूमि में राम मंदिर का निर्माण भाजपा के एजेंडा में रहा है. ऐसे में पांच बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो भी लगातार राजनीतिक पार्टियों की ओर से उनके अयोध्या न आने को लेकर टिप्पणी की जाती रही थी. अब जब वो रामलला राम मंदिर की आधारशिला रखने आ रहे हैं तो कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी 29 वर्षों पुराना अपना संकल्प पूरा करने आ रहे हैं.साल 1991 में रामलला के जन्म उत्सव पर अयोध्या में पीएम मोदी से मिलने वाले वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि कारसेवकों का बलिदान अब सार्थक होने जा रहा है. अपना 29 वर्षों पुराना संकल्प प्रधानमंत्री पूरा करने जा रहे हैं. आपको बता दें कि महेंद्र त्रिपाठी सीबीआई कोर्ट में चल रहे बाबरी विध्वंस मामले में गवाह भी हैं. उन्हें लालकृष्ण आडवाणी और संतोष दुबे का गवाह बनाया गया है.अयोध्या में पीएम मोदी से मिलने वाले वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री से दोबारा मुलाकात करने की इच्छा व्यक्त की है. ट्रस्ट को उन्हें भी भूमि पूजन में शामिल करना चाहिए.