अयोध्या:राम नगरी की प्राचीन पीठ तपस्वी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने कहा है कि राम मंदिर भूमि पूजन में मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले लोगों को आमंत्रित न करने वाले संतों को कष्ट हुआ है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में कई लोग शहीद हो गए, लेकिन जो मौजूद हैं उन्हें सम्मान मिलना चाहिए. परमहंस दास ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों से लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह को अलग से बुलाकर सम्मानित करने की मांग की है.
भगवान राम की जन्म स्थली पर 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न किया गया. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते कार्यक्रम में सीमित संख्या में अतिथियों को आमंत्रित किया गया था. ट्रस्ट ने राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल होने वाले अतिथियों की आयु पर विशेष ध्यान रखते हुए ज्यादा उम्र के कारण लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को निमंत्रण नहीं दिया. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं किया. उम्र अधिक होने के कारण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने उनसे घर पर रहने का निवेदन किया था. वहीं राम मंदिर निर्माण के लिए अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ बीजेपी के पदाधिकारियों को भूमि पूजन में शामिल न करने से तपस्वी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास आहत हैं. उन्होंने कहा है कि शलाका पुरुषों को सम्मान न मिलने से संतों को कष्ट हुआ है, लेकिन अब राम मंदिर निर्माण शुरू हो गया है. ऐसे में सर्वत्र खुशी का माहौल है. परमहंस दास ने ट्रस्ट से राम मंदिर के लिए संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लालकृष्ण, आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी कल्याण सिंह जैसे लोगों को अलग से बुलाकर सम्मानित करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में कितने लोग शहीद हो गए, कितने लोगों को गोलियों से भून दिया गया. ऐसे में जो बचे हैं उन्हें सम्मानित करना आवश्यक है. परमहंस दास ने कहा कि इसके लिए उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों से बात की है. वहीं परमहंस दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर सर्वत्र खुशी का माहौल है. राम मंदिर समर्थकों की मांग को देखते हुए मॉडल में भी परिवर्तन किया गया है. तीन गुंबद की जगह पर पांच गुंबद बनाए जाएंगे. 2024 तक राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. रामलला अपने दिव्य और भव्य भवन में विराजमान हो जाएंगे.