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रामनवमीः सरयू में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, दर्शन कर बोले- जय श्रीराम - चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि

देश भर में श्रद्धालु श्रीरामलला का जन्मोत्सव रामनवमी पर्व मना रहे हैं. आज चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि के अवसर पर रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई. रामनवमी के अवसर पर रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था टाइट दिखी.

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Published : Apr 10, 2022, 9:27 AM IST

Updated : Apr 10, 2022, 10:12 AM IST

अयोध्याःदेश भर में श्रद्धालु श्रीरामलला का जन्मोत्सव रामनवमी पर्व मना रहे हैं. आज चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तिथि के अवसर पर रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में डुबकी लगाई. दूरदराज से स्नान को बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं ने अयोध्या के रामलला मंदिर में पूजा-अर्चना भी की. इसके साथ ही बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर, नागेश्वरनाथ मंदिर में भी दर्शन-पूजन किए. रामनवमी के अवसर पर रामनगरी में सुरक्षा व्यवस्था सख्त दिखी.

श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या में आज ब्रह्म मुहूर्त में ही सरयू तट पर स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु दिखे. लगातार सरयू घाट पर स्नान, ध्यान, पूजन करने का सिलसिला जारी है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, इसका निर्वहन करने के लिए प्रत्येक वर्ष चैत्र रामनवमी के पवित्र अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है. जानकारों की मानें तो चैत्र रामनवमी का ऐसा मेला कभी भी अयोध्या में नहीं हुआ है, जितनी भीड़ इस बार मेले में है.

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गोरखपुर से आए श्रद्धालु दिनेश कुमार ने बताया कि शास्त्रोक्त प्रमाण के अनुसार चैत्र रामनवमी के दिन पुण्य सलिला सरयू में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं. रामनवमी का यह उल्लास दिन बीतने के साथ ही और बढ़ता जाएगा. दोपहर 12 बजे अयोध्या के लगभग 6000 मंदिरों में भगवान रामलला का प्राकट्य होगा. घंटे घड़ियालों के बीच भगवान रामलला की आरती गाई जाएगी और उनका प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा.

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अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि परिसर, कनक भवन राम वल्लभा कुंज, लक्ष्मण किला समेत हजारों मंदिरों में आज राम नवमी का पर्व आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर मंदिरों में चल रहे भजन-कीर्तन और नृत्य ने रामनवमी के उल्लास को दोगुना कर दिया है.
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जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने बताया कि चैत्र रामनवमी के दिन तीर्थराज प्रयाग भी अपने पाप धोने अयोध्या आते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लोगों के पाप धोते-धोते जब तीर्थराज प्रयाग पूरी तरह से काले हो गए थे. चैत्र रामनवमी के दिन वह अपने घोड़े पर सवार होकर अयोध्या आते हैं और घोड़े समेत सरयू नदी में स्नान करने के लिए उतर जाते हैं. स्नान करने के बाद तीर्थराज प्रयाग और उनके घोड़े का वर्ण पूरी तरह से श्वेत हो सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं. इसी मान्यता के चलते प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु अयोध्या आते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में ही सरयू में स्नान करते हैं.
Last Updated : Apr 10, 2022, 10:12 AM IST

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