अयोध्या:राम नगरी अयोध्या में नवंबर माह में होने वाले विभिन्न धार्मिक आयोजनों में सिर्फ अयोध्या के साधु-संतों और नागरिकों को शामिल होने की अनुमति मिलेगी. अयोध्या में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. शुक्रवार को जिला प्रशासन ने बैठक कर 11 नवंबर से 13 नवंबर के बीच होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर महत्वपूर्ण गाइडलाइन तैयार की है. इसके अतिरिक्त 25 नवंबर से 30 नवंबर के बीच होने वाले 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर भी एक लंबी गाइडलाइन तैयार की गई है. इसके अनुसार अयोध्या में सिर्फ उन्हीं लोगों को दर्शन पूजन और परिक्रमा की अनुमति होगी जो स्थानीय हैं. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा.
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को बताया कि श्री राम मंदिर भूमि पूजन के बाद यहां श्रद्धालुओं के ज्यादा आगमन की सम्भावना है. लेकिन कोविड प्रोटोकाल के कारण पूर्व प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाना है. इसके लिए हमे सीमावर्ती जनपदों गोण्डा, बस्ती, अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, बाराबंकी आदि के बैरियर व्यवस्था को मजबूत करना होगा. इससे बाहरी लोगों की भागीदारी न हो सके. इस दीपोत्सव एवं कार्तिक मेले को अयोध्यावासियों के लिए स्थानीय मेला के रूप में मनाना होगा. बाहरी लोग किसी भी प्रकार से न आ पायें, इसके लिए हमें मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी की संयुक्त बैठकें, शान्ति समिति की ग्राम प्रधानों और थानाध्यक्षों आदि के साथ बैठकें आयोजित करनी होंगी. इसके लिए इन क्षेत्रों में प्रभावी ढ़ंग से कार्य करना है. इसके लिए एक अंतर्जनपदीय व्हाटसअप ग्रुप बनाया गया है, जिसका नं0 9454402642 है. इसके माध्यम से सूचना दी जाएगी और प्रचार-प्रसार किया जायेगा.