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भगवान राम की 251 फीट प्रतिमा से नहीं उजडे़ंगे गांव: अयोध्या महापौर

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Published : Aug 22, 2020, 8:02 PM IST

यूपी की अयोध्या नगरी में भगवान राम की 251 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. जिले के एक गांव को इसके लिए चिह्नित किया गया है. गांव वालों द्वारा इसके विरोध पर अयोध्या महापौर ने कहा कि हम लोगों को बसाने का करते हैं, उजाड़ने का नहींं.

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अयोध्या के महापौर से बातचीत.

अयोध्या:राम नगरी में प्रवेश करते ही भगवान राम के दर्शन होंगे, जिसके लिए अयोध्या में भगवान राम की विशाल प्रतिमा लगाई जा रही है. इसके लिए कई एकड़ जमीन अधिगृहीत की जानी है, जिसका स्थानीय ग्रामीणों विरोध कर रहे हैं. वहीं महापौर अयोध्या ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा है कि भाजपा किसी को भी उजाड़ने का कार्य नहीं करती है. अयोध्या को दिव्य और भव्य बनाने के साथ स्थानीय लोगों के आवास और विकास पर पूरा ध्यान दिया जाएगा.

महापौर से बातचीत करते संवाददाता.

राम नगरी के समग्र विकास के लिए शहर के आंतरिक और बाह्य रूप से विकास के लिए कई योजनाओं पर कार्य चल रहा है. गत 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जैसे श्रीराम मंदिर बनेगा, वैसे अयोध्या भी बनती जाएगी. मंदिर निर्माण के समानांतर अयोध्या को भव्य रूप देने के लिए वृहद स्तर पर प्लान बन रहा है. ईटीवी भारत के साथ अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने राम नगरी के आंतरिक विकास पर विशेष चर्चा की. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के साथ केंद्र प्रदेश सरकार की योजनाएं अयोध्या के संपूर्ण विकास पर केंद्रित हैं. अयोध्या के प्रवेश द्वार पर स्थित राम की पैड़ी में अविरल जल प्रवाह के लिए व्यवस्था की जा रही है. भजन संध्या स्थल और इंटरनेशनल बस टर्मिनल बनकर तैयार हो चुका है.

36 करोड़ की लागत से बन रहा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
अयोध्या में सरयू नदी को गंदा करने वाले 6 नालों से निकलने वाले पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा. महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि 36 करोड़ की लागत से लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है. यह काम पूरा हो चुका है. शहर से निकलने वाले सभी नालों के पानी को एकत्र करके ट्रीटमेंट करने के बाद नदी में छोड़ा जाएगा. वहीं पूरी अयोध्या में भूमिगत विद्युत केबल लगाए जाने की योजना है.

पूरे जिले के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट योजना
अयोध्या की पवित्र नदी सरयू के जल को स्वच्छ और निर्मल रखने के लिए 22 करोड़ रुपये की परियोजना प्रस्तावित है. महापौर ने कहा कि इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. सभी नालों के पानी को ट्रीटमेंट कर करने के बाद छोड़ने की व्यवस्था होगी. स्वीकृति मिलने के बाद इसका डीपीआर तैयार हो गया है. अनुमोदन के लिए शासन को प्रेषित किया जा चुका है. राम नगरी में प्रवेश करते ही इसकी प्रमाणिकता का एहसास हो, इसके लिए शासन की ओर से एक बड़ी परियोजना पर कार्य किया जा रहा है. यहां भगवान राम की 251 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित करने की योजना है. प्रतिमा के ठीक नीचे विशाल म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसमें भगवान राम के चरित्र से जुड़ी सभी घटनाओं को चित्रों के माध्यम से जीवंत किया जाएगा. इसके साथ ही भगवान राम से जुड़ी सभी जानकारी इस म्यूजियम में उपलब्ध रहेंगी.

259 भूखंड अधिग्रहण की अधिसूचना जारी
भगवान राम की मूर्ति लगाने के लिए अयोध्या के माझा बरेहटा ग्राम सभा में भूमि चिन्हित की गई है. यह क्षेत्र अयोध्या नगर निगम की परिधि में आता है. यहां भगवान राम की 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है. माझा बरेहठा के ग्राम सभा में एक छोटा सा क्षेत्र नेऊर का पुरवा है. इस गांव के पूरी आवासीय जमीन अधिग्रहित करने की नोटिस जारी हुई. प्रशासन के नोटिस की खबर सुनते ही पूरे गांव में खलबली मच गई. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने ग्राम सभा को नगर निगम क्षेत्र में शामिल कर बड़ा खेल किया है.

गांव के जिन 259 भूखंडों को अधिग्रहण के लिए चयनित किया गया है, उसमें अकेले 174 भूखंड महर्षि रमण विद्यापीठ ट्रस्ट के नाम पर दर्ज है. ग्रामीणों के 84 भूखंड अधिग्रहीत किए जाने हैं. भूमि अधिग्रहण की नोटिस जारी होने के बाद ग्रामीणों को उनके घर उजड़ने का डर सता रहा है. वहीं ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा है कि भाजपा किसी को जोड़ने का काम नहीं करती, बल्कि हम बसाने का काम करते हैं, जिन भूखंडों को अधिगृहीत किया जाएगा, उसका उचित मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही इनके पुनर्वास के लिए व्यवस्था भी की जाएगी.

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