उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 48 दिन तक होगा मण्डल पूजा अनुष्ठान, क्या है ये विशेष पूजा

What is Mandal Puja Ritual : 22 जनवरी को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम के समापन के बाद 23 जनवरी से 48 दिन तक चलने वाला एक और अनुष्ठान शुरू होगा. जिसे मंडल पूजा का नाम दिया गया है. आईए जानते हैं क्या है ये विशेष पूजा.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 4:58 PM IST

अयोध्या: धर्म नगरी अयोध्या में भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. 17 जनवरी से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. यह पूरा कार्यक्रम रामानंदीय परंपरा के अनुसार हो रहा है. पूजन से लेकर अनुष्ठान हवन यज्ञ काशी के विद्वानों द्वारा कराए जाएंगे. पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और लक्ष्मीकांत दीक्षित के शिष्यों द्वारा यह पूरा अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा.

इस पूरे आयोजन में दक्षिण भारत की झलक दिखाई देगी. यही कारण है कि 22 जनवरी को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम के समापन के बाद 23 जनवरी से 48 दिन तक चलने वाला एक और अनुष्ठान शुरू होगा. जिसे मंडल पूजा का नाम दिया गया है. सर्वतोभद्र मंडल मंगलप्रद एवं कल्याणकारी माना जाता है. यज्ञ यागादिक, देव प्रतिष्ठा, मांगलिक पूजा महोत्सव, अनुष्ठान इत्यादि देव कार्यों में सर्वतोभद्र मंडल का सर्वविधक पूजन किया जाता है.

गणेश, अम्बिका, कलश, मातृका, वास्तु मंडल, योगिनी, क्षेत्रपाल, नवग्रह मंडल, वारुण मंडल इन्द्रादि देवताओं, मातृशक्तियों तथा अरुन्धति सहित सप्तऋषि आदि के साथ प्रमुखता से सर्वतोभद्र मंडल के मध्य प्रमुख देवता को विराजमान कर विशेष पूजन किया जाता है. अयोध्या में भी प्रभु श्री राम के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होने के बाद इस अनुष्ठान के जरिए सभी देवी देवताओं का आह्वान किया जाएगा.

दक्षिण भारत में मंगल पूजा की रही है विशेष परंपराःमंडल पूजा और मकर विलाक्कू सबरीमाला अयप्पा मंदिर में होने वाले दो सबसे प्रसिद्ध आयोजन हैं. इन दोनों के दौरान पूरे केरल और पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. मंडल पूजा के दिनों में मंदिर भक्तों के लिए पूरे दिन खुला रहता है. उपवास मंडला पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे सभी दक्षिण भारतीय लोगों द्वारा पूर्ण समर्पण और सख्ती के साथ मनाया जाता है. भक्तों को तपस्या का पालन करना आवश्यक है और सबरीमाला मंदिर में तीर्थ यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य है. कुछ इसी तरह का अनुष्ठान 23 जनवरी से रामनगरी अयोध्या में भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर में शुरू होगा.

उडुपी के प्रसिद्ध संत विश्व प्रसन्न तीर्थ महाराज के निर्देशन में होगा अनुष्ठानःइस अनुष्ठान का निर्देशन कर्नाटक के उडुपी के प्रसिद्ध संत विश्व प्रसन्न तीर्थ महाराज स्वयं और उनके शिष्य करेंगे. जो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी हैं. सूत्रों की मानें तो भगवान राम के गर्भ गृह परिसर में ही इस अनुष्ठान को पूरा किया जाएगा. इसके लिए एक स्थान निश्चित होगा विद्वान संतों की एक टोली पूरे विधि विधान से इस पूजन को संपन्न कराएगी. इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं का दर्शन पूजन प्रभावित नहीं होगा.

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव : आडवाणी और जोशी को ट्रस्ट ने निमंत्रण भेज कहा- कृपया मत आइएगा

ABOUT THE AUTHOR

...view details