अयोध्या : धर्म संसद के आयोजक तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने एक बार फिर अपनी घोषणा को दोहराते हुए कहा कि 2 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे वह पवित्र सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे. कहा कि उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग की थी कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. लेकिन अभी तक उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसलिए अब वह जल समाधि लेने के लिए विवश हैं. किसी भी सूरत में वहां अपना फैसला नहीं बदलेंगे.
बता दें कि पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार दोपहर अयोध्या के तपस्वी छावनी मंदिर परिसर में हिंदू सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया. इसमें देशभर से तमाम हिंदूवादी संगठन शामिल हुए. धर्म संसद के आयोजक तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने एक बार फिर अपनी घोषणा को दोहराते हुए कहा कि 2 अक्टूबर की दोपहर वह पवित्र सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे.
महंत परमहंस दास ने कहा कि उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग की थी कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. अभी तक उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसलिए अब वह जल समाधि लेने के लिए विवश हैं. किसी भी सूरत में वहां अपना फैसला नहीं बदलेंगे.
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मीडिया से बात करते हुए तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी ने कहा कि आज अयोध्या में आयोजित धर्म संसद में गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों से भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के समर्थन में बड़े संत और बड़े संगठनों के नेता शामिल हुए. सभी ने एक स्वर में निर्णय लिया कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए.
अगर ऐसा नहीं होता तो एक देशव्यापी आंदोलन भी खड़ा किया जाएगा. महंत परमहंस दास ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई की विचारधारा को सिर्फ हिंदू समाज मानता है. जहां भी अल्पसंख्यकों की आबादी ज्यादा है, वहां हिंदुओं का रहना मुश्किल है.