अयोध्या :निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने अयोध्या के थाना राम जन्मभूमि में पहुंचकर एक प्रार्थना पत्र थानाअध्यक्ष को सौंपा है. मांग की है कि जमीन खरीद से जुड़े लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. महंत धर्मदास ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी तो वह कोर्ट के सहारे ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ और इस जमीन खरीद मामले से जुड़े सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण योजना के विस्तार के लिए खरीदी गई जमीन को लेकर उठा विवाद एक बार फिर से गर्म हो गया है. इस पूरे मामले में ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाले निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने अयोध्या के थाना राम जन्मभूमि में पहुंचकर एक प्रार्थना पत्र थानाअध्यक्ष को सौंपा. मांग की कि जमीन खरीद से जुड़े लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
महंत धर्मदास ने कहा दर्ज कराऊंगा प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा महंत धर्मदास ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी तो वह कोर्ट के सहारे ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ और इस जमीन खरीद मामले से जुड़े सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. महंत धर्मदास ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित अन्य सदस्यों ने मिलकर सरकारी जमीन का ट्रस्ट के नाम पर बैनामा करा दिया है. यह कानूनी तौर पर गलत है.
महंत ने आरोप लगाया कि देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था के साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और अन्य सदस्य खिलवाड़ कर रहे हैं. राम मंदिर निर्माण के लिए आए पैसे की बंदरबांट की जा रही है.
कैसे बिक गई नजूल भूमि
मंगलवार शाम अयोध्या के थाना राम जन्मभूमि में महंत धर्मदास सहित अन्य संतों व महंत के अधिवक्ता ने चार पन्ने का एक शिकायती पत्र दिया. इस पत्र में महंत धर्मदास ने आरोप लगाया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और उनके अन्य साथियों ने मिलकर नजूल भूमि की खरीद फरोख्त की. इस पूरे मामले में अयोध्या के गोसाईगंज से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू और अयोध्या के रजिस्ट्रार एसबी सिंह की भूमिका भी संदिग्ध है.
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इसके अलावा जमीन खरीद सौदे में गवाह के रूप में मौजूद ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र के खिलाफ भी महंत धर्मदास ने तहरीर दी है. तहरीर के जरिए सभी के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.
मीडिया से बात करते हुए निर्वाणी अनी अखाड़े के श्रीमहंत धर्मदास ने कहा कि रामलला विराजमान नाबालिग हैं. उनकी संपत्ति और उनके मंदिर निर्माण के लिए आए पैसे का कोई इस तरह से दुरुपयोग नहीं कर सकता. कहा कि अयोध्या के डीएम से यह सवाल पूछ रहा हूं कि जो जमीन नजूल भूमि के नाम पर दर्ज है, आखिर उस जमीन की खरीद-फरोख्त कैसे हो गई. ट्रस्ट का निर्माण केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जानकारी में हुआ है.
मेरी मांग है कि सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच की जाए. महंत धर्मदास ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री खुद को ईमानदार कहते हैं तो आखिरकार पूरे प्रकरण की जांच क्यों नहीं कराते. महंत धर्मदास बात करते-करते इतने नाराज हो गए कि उन्होंने कहा कि अगर इस पूरे मामले पर कार्रवाई नहीं होती है तो मैं देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराऊंगा.
आपको बता दें कि अयोध्या में इन दिनों राममंदिर निर्माण चल रहा है. मंदिर की बुनियाद का काम 70 फ़ीसदी से अधिक पूरा हो चुका है. मंदिर निर्माण कार्य में परिसर के क्षेत्र विस्तार के लिए कुछ मंदिरों और भवनों को ट्रस्ट ने खरीदा है. इन भवनों और मंदिरों के महंत और स्वामियों को अन्य स्थानों पर जमीन देने के लिए ट्रस्ट ने कुछ स्थानों पर जमीन खरीदी थी.
उनमें से एक जमीन राम कोट परिसर में ही मौजूद है.लेकिन इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. महंत धर्मदास की माने तो गाटा संख्या-135 के नाम से दर्ज जमीन आज भी सरकारी दस्तावेजों में नजूल भूमि है. नजूल भूमि की खरीद फरोख्त का अधिकार किसी को नहीं है. इसी मामले को लेकर महीने भर पहले भी जमकर हंगामा हुआ था और एक बार फिर से मानते धर्मदास ने थाने में तहरीर देकर मामले को गर्म कर दिया है.